भारत एक ऐसा देश है जहाँ कारीगरी और शिल्पकला की परंपरा सदियों से चली आ रही है। बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार जैसे पारंपरिक व्यवसाय न केवल हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं, बल्कि लाखों परिवारों की आजीविका का आधार भी हैं। लेकिन बदलते समय के साथ इन कारीगरों को आर्थिक और तकनीकी सहायता की ज़रूरत पड़ी। इसी कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) शुरू की।
यह योजना 17 सितंबर 2023 को लॉन्च हुई थी और अब 2025 में यह कारीगरों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गई है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको इस योजना की हर बारीकी बताएंगे—चाहे वह ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया हो, लोन लेने का तरीका, ट्रेनिंग की जानकारी, या सिलाई मशीन जैसे उपकरणों का लाभ। अगर आप एक कारीगर हैं या अपने परिवार में किसी को इस योजना से जोड़ना चाहते हैं, तो यह पोस्ट आपके लिए एक संपूर्ण गाइड होगी।
विश्वकर्मा योजना क्या है?
पीएम विश्वकर्मा योजना एक केंद्रीय योजना है, जिसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) लागू कर रहा है। इसका मकसद उन कारीगरों को सशक्त बनाना है जो पीढ़ियों से अपने पारंपरिक कौशल पर निर्भर हैं। यह योजना 18 विशिष्ट व्यवसायों को लक्षित करती है और उन्हें आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण, और आधुनिक उपकरण प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) कारीगरों के लिए शुरू की गई, जिसमें ऑनलाइन आवेदन, लोन और ट्रेनिंग जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। इस योजना को समझने के लिए इसे एक ऐसे पुल की तरह देखें जो पारंपरिक कारीगरी को आधुनिक अवसरों से जोड़ता है। उदाहरण के लिए, एक कुम्हार जो मिट्टी के बर्तन बनाता है, इस योजना के तहत न केवल लोन ले सकता है, बल्कि ट्रेनिंग के ज़रिए अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचने का तरीका भी सीख सकता है। योजना का बजट 13,000 करोड़ रुपये है और यह 2023 से 2028 तक चलेगी। 2024-25 में इसके तहत लाखों कारीगरों को लाभ पहुँचाया जा चुका है, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
योजना के उद्देश्य
- पारंपरिक कौशल को आधुनिक तकनीकों से जोड़ना।
- कम ब्याज पर लोन और टूलकिट देकर आर्थिक मदद करना।
- कारीगरों को बाजार तक पहुँचाने के लिए मार्केटिंग सपोर्ट देना।
- उन्हें औपचारिक पहचान देना (PM Vishwakarma सर्टिफिकेट और ID कार्ड)।
🔹 क्या आपको सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा मिल रहा है?
पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 के लाभ
इस योजना के तहत कारीगरों को कई तरह की सुविधाएँ मिलती हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझें ताकि आपको यह स्पष्ट हो कि यह योजना आपके लिए क्या-क्या लेकर आई है।
1. आर्थिक सहायता
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ है कम ब्याज पर लोन। यह लोन दो चरणों में मिलता है। पहला चरण में आपको 1 लाख रुपये का लोन मिलता है, जिसे आप 18 महीने की आसान EMI में चुका सकते हैं। इसकी ब्याज दर सिर्फ 5% है, जो बाजार की दरों से बहुत कम है। दूसरा चरण तब शुरू होता है जब आप पहला लोन चुका देते हैं। इसमें आपको 2 लाख रुपये का लोन मिलता है, जिसकी अवधि 30 महीने है और ब्याज दर भी 5% ही रहती है। खास बात यह है कि यह लोन कोलैटरल-फ्री है, यानी आपको कोई जमानत देने की ज़रूरत नहीं। यह उन कारीगरों के लिए बहुत बड़ी राहत है जिनके पास संपत्ति नहीं होती। यह पैसा आप अपने व्यवसाय को बढ़ाने, नया सामान खरीदने, या दुकान शुरू करने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
2. टूलकिट सहायता
हर कारीगर को ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 15,000 रुपये का ई-वाउचर मिलता है। इस वाउचर से आप अपने व्यवसाय के लिए ज़रूरी उपकरण खरीद सकते हैं, जैसे सिलाई मशीन, हथौड़े, ड्रिल मशीन, या कोई और मशीनरी जो आपके काम को आसान बनाए। यह सुविधा आपको आधुनिक तकनीक से जोड़ती है और आपकी उत्पादकता को कई गुना बढ़ा सकती है। मिसाल के तौर पर, अगर आप एक दर्जी हैं, तो इस वाउचर से आप एक इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन खरीद सकते हैं, जो हाथ से सिलाई की तुलना में तेज़ और बेहतर काम करती है।
3. प्रशिक्षण
प्रशिक्षण इस योजना का आधार है। यह दो स्तरों पर होता है। बेसिक ट्रेनिंग 5-7 दिनों की होती है, जिसमें आपको प्रतिदिन 500 रुपये का स्टाइपेंड मिलता है। इस दौरान आपको अपने कौशल को बेहतर करने और डिजिटल टूल्स का उपयोग करने की ट्रेनिंग दी जाती है। दूसरा स्तर है एडवांस ट्रेनिंग, जो 15 दिनों की होती है और वैकल्पिक है। इसमें आपको व्यवसाय विस्तार और मार्केटिंग की जानकारी दी जाती है, जैसे अपने उत्पादों को ऑनलाइन कैसे बेचें। यह ट्रेनिंग आपके पारंपरिक काम को आधुनिक तरीकों से जोड़ने का मौका देती है।
4. डिजिटल और मार्केटिंग सपोर्ट
इस योजना में डिजिटल सुविधाएँ भी शामिल हैं। अगर आप डिजिटल लेनदेन करते हैं, तो हर ट्रांज़ेक्शन पर 1 रुपये का बोनस मिलता है, जो 100 ट्रांज़ेक्शन तक लागू है। इसके अलावा, आपके उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स जैसे Amazon या Flipkart पर बेचने में मदद की जाती है। साथ ही, राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग और पैकेजिंग का समर्थन भी मिलता है, ताकि आपके उत्पाद बाजार में अलग पहचान बना सकें। यह उन कारीगरों के लिए खास है जो अपने काम को स्थानीय दायरे से बाहर ले जाना चाहते हैं।
विश्वकर्मा योजना का लाभ किसे मिल सकता है?
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं। अगर आप इन शर्तों को पूरा करते हैं, तो आप इसके लिए पात्र हैं। यहाँ हर पहलू को विस्तार से समझाया गया है ताकि आपको कोई शंका न रहे।
विश्वकर्मा योजना का लाभ विवरण
लाभ विवरण |
राशि/अवधि |
शर्तें |
पहला लोन |
1 लाख रुपये, 18 महीने |
ट्रेनिंग पूरी करना |
दूसरा लोन |
2 लाख रुपये, 30 महीने |
पहला लोन चुकाना |
टूलकिट (ई-वाउचर) |
15,000 रुपये |
ट्रेनिंग के बाद |
बेसिक ट्रेनिंग |
5-7 दिन, 500 रुपये/दिन |
आवेदन अप्रूव होने के बाद |
डिजिटल बोनस |
1 रुपये/ट्रांज़ेक्शन, 100 ट्रांज़ेक्शन तक |
डिजिटल लेनदेन पर प्रोत्साहन |
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा। यह सुनिश्चित करता है कि यह मदद सही लोगों तक पहुँचे।
- उम्र: आपकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। इससे कम उम्र के लोग आवेदन नहीं कर सकते, क्योंकि यह योजना वयस्क कारीगरों के लिए है।
- नागरिकता: आपको भारत का नागरिक होना ज़रूरी है। यह योजना केवल भारतीय कारीगरों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
- व्यवसाय: आपको 18 निर्धारित पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में कार्यरत होना चाहिए। ये व्यवसाय पीढ़ियों से चले आ रहे हैं और योजना का मुख्य फोकस हैं।
- पारिवारिक सीमा: आपके परिवार से केवल एक सदस्य ही इस योजना का लाभ ले सकता है। मिसाल के तौर पर, अगर आपके पिता ने आवेदन किया, तो आप दोबारा नहीं कर सकते। यह नियम डुप्लिकेशन से बचाने के लिए है।
- अन्य योजनाएँ: पिछले 5 साल में केंद्र या राज्य सरकार की किसी समान क्रेडिट-आधारित योजना (जैसे मुद्रा योजना) का लाभ न लिया हो। यह सुनिश्चित करता है कि एक ही व्यक्ति बार-बार लाभ न ले सके।
18 कैटेगरी की पूरी लिस्ट
यहाँ उन 18 व्यवसायों की पूरी सूची दी गई है जो इस योजना के अंतर्गत आते हैं। अगर आप इनमें से किसी भी क्षेत्र में काम करते हैं, तो आप पात्र हैं। यह सूची आपकी पात्रता जाँचने में मदद करेगी।
- बढ़ई (Carpenter): लकड़ी से फर्नीचर या अन्य सामान बनाने वाले।
- लोहार (Blacksmith): लोहे से औज़ार या हथियार बनाने वाले।
- सुनार (Goldsmith): सोने-चाँदी के आभूषण बनाने वाले।
- कुम्हार (Potter): मिट्टी के बर्तन या मूर्तियाँ बनाने वाले।
- दर्जी (Tailor): कपड़े सिलने या डिज़ाइन करने वाले।
- मूर्तिकार (Sculptor): पत्थर या धातु से मूर्तियाँ बनाने वाले।
- राजमिस्त्री (Mason): ईंट-पत्थर से निर्माण करने वाले।
- नाई (Barber): बाल काटने या शेविंग का काम करने वाले।
- मछली जाल बुनकर (Fishermen Net Maker): मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले।
- हथियार निर्माता (Armorer): पारंपरिक हथियार बनाने वाले।
- तालसाज (Locksmith): ताले और चाबियाँ बनाने वाले।
- मोची (Cobbler): जूते बनाने या मरम्मत करने वाले।
- धोबी (Washerman): कपड़े धोने का पारंपरिक काम करने वाले।
- खिलौना निर्माता (Toymaker): लकड़ी या मिट्टी से खिलौने बनाने वाले।
- नाव निर्माता (Boat Maker): नाव बनाने वाले।
- चटाई बुनकर (Mat Weaver): चटाई या दरी बुनने वाले।
- झाड़ू निर्माता (Broom Maker): झाड़ू बनाने वाले।
- माला निर्माता (Garland Maker): फूलों की माला बनाने वाले।
नोटअगर आपका व्यवसाय इस सूची में नहीं है, तो आप पात्र नहीं होंगे। लेकिन अगर आपका काम इनमें से किसी एक से मिलता-जुलता है, तो आप अपने नज़दीकी CSC सेंटर से पुष्टि कर सकते हैं। यहाँ यह भी ध्यान दें कि व्यवसाय का कोई औपचारिक प्रमाण देना ज़रूरी नहीं है, बस आपको यह बताना होगा कि आप इनमें से किस क्षेत्र में काम करते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
विश्वकर्मा योजना ऑनलाइन आवेदन करना इस योजना का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। बहुत से लोग यह सोचते हैं कि सरकारी योजनाओं की प्रक्रिया जटिल होती है, लेकिन यहाँ ऐसा नहीं है। हम आपको इसे स्टेप-बाय-स्टेप समझाएंगे ताकि आप आसानी से आवेदन कर सकें और किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें।
आवेदन की पूरी प्रक्रिया चरण 1: आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ
सबसे पहले आपको
पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाना होगा। यह वेबसाइट ही वह जगह है जहाँ से सारा काम शुरू होता है। होमपेज पर आपको "
Apply Online" या
"Beneficiary Registration" का विकल्प मिलेगा। इसे क्लिक करें। अगर वेबसाइट हिंदी में नहीं खुलती, तो ऊपर दाईं ओर भाषा बदलने का ऑप्शन चुनें, ताकि आपको अपनी सुविधा के हिसाब से जानकारी मिल सके।
चरण 2: आधार और मोबाइल वेरिफिकेशन
अगले पेज पर आपको अपना आधार नंबर और आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर डालना होगा। यह कदम इसलिए ज़रूरी है क्योंकि योजना में आपकी पहचान आधार से ही सत्यापित होती है। इसके बाद "Send OTP" पर क्लिक करें। आपके मोबाइल पर एक 6 अंकों का OTP आएगा, जिसे डालकर वेरिफिकेशन पूरा करें। अगर आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है, तो पहले इसे लिंक करवाएँ। यह काम आप UIDAI की वेबसाइट या नज़दीकी आधार सेंटर से कर सकते हैं। बिना इस कदम के आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
चरण 3: रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें
वेरिफिकेशन के बाद एक फॉर्म खुलेगा। यह फॉर्म आपकी जानकारी इकट्ठा करने के लिए है। यहाँ आपको कई तरह की डिटेल्स देनी होंगी।
- व्यक्तिगत जानकारी: आपका पूरा नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, लिंग, और पूरा पता (गाँव, तहसील, जिला, राज्य)। यह जानकारी सही भरें, ताकि सत्यापन में कोई दिक्कत न हो।
- व्यवसाय जानकारी: ऊपर दी गई 18 कैटेगरी में से अपना व्यवसाय चुनें। उदाहरण के लिए, अगर आप दर्जी हैं, तो "Tailor" चुनें। यहाँ गलती न करें, क्योंकि इसी आधार पर आपको टूलकिट और ट्रेनिंग मिलेगी।
- बैंक डिटेल्स: बैंक का नाम, खाता संख्या, और IFSC कोड। यह ज़रूरी है, क्योंकि लोन, स्टाइपेंड, और दूसरी राशि इसी खाते में आएगी।
- अन्य विवरण: परिवार के सदस्यों की संख्या, क्या आप पहले किसी योजना में शामिल थे, आदि। यह जानकारी यह जाँचने के लिए है कि आप पात्र हैं या नहीं।
चरण 4: दस्तावेज़ अपलोड करें
फॉर्म भरने के बाद आपको कुछ दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे। ये दस्तावेज़ डिजिटल फॉर्मेट (PDF या JPEG) में होने चाहिए और हर फाइल का साइज़ 2MB से कम होना चाहिए। यहाँ जरूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट है:
- आधार कार्ड (अनिवार्य)।
- पैन कार्ड (अगर उपलब्ध हो, वरना छोड़ सकते हैं)।
- बैंक पासबुक या कैंसिल चेक (खाते की जानकारी के लिए)।
- पासपोर्ट साइज़ फोटो।
- मोबाइल नंबर (जो आधार से लिंक हो)।
अगर आपके पास स्कैनर नहीं है, तो आप अपने मोबाइल से अच्छी क्वालिटी की फोटो लेकर भी अपलोड कर सकते हैं। बस यह सुनिश्चित करें कि सारी जानकारी साफ दिखे।
चरण 5: फॉर्म सबमिट करें
सारी जानकारी भरने और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद फॉर्म को अच्छे से चेक करें। नाम, पता, या बैंक डिटेल्स में कोई गलती न हो, यह सुनिश्चित करें। इसके बाद "Submit" बटन दबाएँ। सबमिट करने के बाद आपको एक एप्लीकेशन ID या रेफरेंस नंबर मिलेगा। इसे नोट कर लें या स्क्रीनशॉट ले लें, क्योंकि यह आगे स्टेटस चेक करने और ट्रेनिंग के लिए काम आएगा। यह नंबर आपकी आवेदन प्रक्रिया का सबूत है।
चरण 6: वैकल्पिक तरीका - CSC के ज़रिए
अगर आपके पास इंटरनेट या स्मार्टफोन नहीं है, तो आप नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जा सकते हैं। वहाँ मौजूद ऑपरेटर को अपने दस्तावेज़ दें और फॉर्म भरवाएँ। CSC से भी आपको एप्लीकेशन ID मिलेगी। इसके लिए मामूली शुल्क (50 से 100 रुपये) लग सकता है, जो ऑपरेटर की सेवा के लिए होता है। यह तरीका उन लोगों के लिए आसान है जो ऑनलाइन प्रक्रिया से परिचित नहीं हैं।
आवेदन का प्रोसेस जानने के लिए यह पीडीऍफ़ देखें
पीएम विश्वकर्मा योजना लोन कैसे लें?
विश्वकर्मा योजना लोन कैसे लें? रजिस्टर करें, ट्रेनिंग पूरी करें और 1 लाख रुपये तक का पहला लोन पाएँ। लोन इस योजना का एक बड़ा आकर्षण है, क्योंकि यह कारीगरों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए पूँजी देता है। बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि लोन की प्रक्रिया क्या है और इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है। इसे विस्तार से समझते हैं ताकि आपको हर कदम साफ हो।
लोन की पात्रता
लोन लेने के लिए आपको पहले योजना में रजिस्टर करना होगा और बेसिक ट्रेनिंग पूरी करनी होगी। यह शर्त इसलिए है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप योजना के नियमों को समझते हैं और इसका सही इस्तेमाल करेंगे। इसके बिना लोन नहीं मिलेगा। दूसरा लोन तभी मिलेगा जब आप पहला लोन चुका देंगे। यह चरणबद्ध तरीका यह गारंटी देता है कि पैसा सही ढंग से उपयोग हो और कारीगर कर्ज के बोझ में न दबें।
लोन लेने की प्रक्रिया रजिस्ट्रेशन और ट्रेनिंग
सबसे पहले ऊपर बताई गई प्रक्रिया से ऑनलाइन आवेदन करें। जब आपका फॉर्म अप्रूव हो जाएगा, तो आपको ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाएगा। यह ट्रेनिंग 5-7 दिनों की होगी, जिसमें आपको अपने कौशल को बेहतर करने और योजना के लाभों को समझने की जानकारी दी जाएगी। ट्रेनिंग पूरी करने पर आपको PM Vishwakarma सर्टिफिकेट और ID कार्ड मिलेगा। यह सर्टिफिकेट लोन के लिए आपकी पात्रता का सबूत है और इसके बिना अगला कदम नहीं बढ़ेगा।
2. पहला लोन (1 लाख रुपये)
ट्रेनिंग के बाद आपको पोर्टल (pmvishwakarma.gov.in) पर लॉगिन करना होगा। यहाँ "Apply for Loan" का ऑप्शन चुनें और एक छोटा फॉर्म भरें। इस फॉर्म में आपको बताना होगा कि आप लोन का उपयोग कैसे करेंगे—जैसे उपकरण खरीदने, कच्चा माल लेने, या दुकान बढ़ाने के लिए। फॉर्म सबमिट करने के बाद बैंक आपकी जानकारी का सत्यापन करेगा। सत्यापन पूरा होने पर 1 लाख रुपये आपके बैंक खाते में जमा हो जाएगा। इसकी EMI 18 महीने की होगी, और ब्याज दर सिर्फ 5% है। हर महीने आपको करीब 5,800 रुपये देने होंगे, जो एक कारीगर के लिए किफायती है।
3. दूसरा लोन (2 लाख रुपये)
पहला लोन चुकाने के बाद आप दोबारा लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए फिर से पोर्टल पर लॉगिन करें और "Apply for Loan" ऑप्शन चुनें। इस बार आपको 2 लाख रुपये मिलेगा, जिसकी EMI 30 महीने की होगी। ब्याज दर फिर भी 5% ही रहेगी, और हर महीने करीब 7,000 रुपये देने होंगे। यह लोन आपके व्यवसाय को और बढ़ाने में मदद करेगा, जैसे बड़ी मशीनें खरीदना या ज़्यादा स्टॉक रखना। सत्यापन की प्रक्रिया पहली बार की तरह ही होगी, लेकिन चूंकि आप पहले लोन चुका चुके होंगे, यह तेज़ी से हो सकता है।
लोन की विशेषताएँ
कोलैटरल-फ्री: कोई संपत्ति गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं, जो इसे छोटे कारीगरों के लिए आसान बनाता है।
प्रीपेमेंट: 6 महीने बाद आप बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के लोन चुका सकते हैं, अगर आपकी कमाई बढ़ जाए।
उद्देश्य: लोन का उपयोग व्यवसाय से जुड़े किसी भी काम के लिए हो सकता है—उपकरण, कच्चा माल, या मार्केटिंग। यह लचीलापन आपको अपनी ज़रूरत के हिसाब से फैसला लेने की आज़ादी देता है।
उदाहरण
मान लीजिए आप एक दर्जी हैं। आप 1 लाख रुपये का लोन लेते हैं और इससे नई सिलाई मशीन और कपड़े खरीदते हैं। इससे आपकी कमाई बढ़ती है, और 18 महीने बाद आप इसे चुका देते हैं। फिर आप 2 लाख रुपये लेते हैं और अपनी छोटी दुकान को बड़ा वर्कशॉप बना लेते हैं, जिसमें ज़्यादा लोग काम कर सकें। इस तरह यह योजना आपके व्यवसाय को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है।
विश्वकर्मा योजना में सिलाई मशीन कैसे मिलेगी?
विश्वकर्मा योजना में सिलाई मशीन कैसे मिलेगी? दर्जी के रूप में रजिस्टर करें और ट्रेनिंग के बाद 15,000 रुपये का वाउचर पाएँ। सिलाई मशीन इस योजना के तहत दी जाने वाली 15,000 रुपये की टूलकिट का एक लोकप्रिय उदाहरण है, खासकर दर्जी (Tailor) कैटेगरी के लिए। बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि इसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है, इसलिए इसे विस्तार से समझना ज़रूरी है। यह सुविधा खास तौर पर उन कारीगरों के लिए बनाई गई है जो अपने काम को तेज़ और बेहतर करना चाहते हैं।
सिलाई मशीन पाने की प्रक्रिया
सिलाई मशीन उन कारीगरों के लिए उपलब्ध है जो दर्जी के रूप में रजिस्टर करते हैं। यह मुफ्त नहीं मिलती, बल्कि टूलकिट वाउचर के ज़रिए खरीदी जाती है। यहाँ पूरा तरीका समझें।
1. रजिस्ट्रेशन के दौरान कैटेगरी चुनें
फॉर्म भरते समय आपको "Tailor" (दर्जी) कैटेगरी चुननी होगी। यह बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इसी आधार पर आपकी टूलकिट में सिलाई मशीन शामिल होगी। अगर आप गलती से दूसरी कैटेगरी चुनते हैं, जैसे बढ़ई, तो आपको उस व्यवसाय से जुड़ा उपकरण मिलेगा, जैसे ड्रिल मशीन। इसलिए फॉर्म भरते वक्त सावधानी बरतें और सुनिश्चित करें कि आपकी पसंद सही है।
2. ट्रेनिंग पूरी करें
बेसिक ट्रेनिंग (5-7 दिन) पूरी करना अनिवार्य है। यह ट्रेनिंग आपके कौशल को निखारने और योजना के लाभों को समझने के लिए होती है। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद आपको 15,000 रुपये का ई-वाउचर मिलेगा। यह वाउचर डिजिटल रूप में होगा और आप इसे पोर्टल पर लॉगिन करके देख सकते हैं। यह वाउचर ही सिलाई मशीन खरीदने का ज़रिया है।
3. वाउचर का उपयोग
ई-वाउचर मिलने के बाद आप सरकार द्वारा अधिकृत दुकानों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से सिलाई मशीन खरीद सकते हैं। खरीदते समय वाउचर का उपयोग करके भुगतान करें। अगर मशीन की कीमत 15,000 रुपये से ज़्यादा है, तो बाकी राशि आपको खुद देनी होगी। मिसाल के तौर पर, अगर कोई अच्छी मशीन 18,000 रुपये की है, तो आपको 3,000 रुपये अपनी जेब से देने होंगे। यह सुनिश्चित करें कि आप ऐसी मशीन चुनें जो आपके काम के लिए सबसे उपयोगी हो।
सिलाई मशीन की खासियाँ
- प्रकार: यह आमतौर पर इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन होती है, जो पारंपरिक हाथ की मशीनों से तेज़ और कुशल होती है। यह बिजली से चलती है और कई तरह के सिलाई पैटर्न कर सकती है।
- लाभ: इससे आपकी उत्पादकता बढ़ती है और बड़े ऑर्डर पूरे करने में मदद मिलती है। यह समय बचाती है और काम की गुणवत्ता को बेहतर करती है।
- उदाहरण: अगर आप एक दर्जी हैं, तो यह मशीन आपको रोज़ाना 10 की जगह 20 कपड़े सिलने में सक्षम बना सकती है। इससे आपकी कमाई दोगुनी हो सकती है और ग्राहकों की संतुष्टि भी बढ़ेगी।
सवाल: क्या सिलाई मशीन हर कारीगर को मिलेगी?
नहीं, यह केवल दर्जी कैटेगरी के लिए है। दूसरी कैटेगरी के कारीगरों को उनके व्यवसाय के हिसाब से टूल्स मिलते हैं। मिसाल के तौर पर, बढ़ई को ड्रिल मशीन, लोहार को हथौड़ा, या कुम्हार को मिट्टी की मशीन मिल सकती है। यह योजना हर कारीगर की ज़रूरत को ध्यान में रखकर बनाई गई है, इसलिए टूलकिट आपके चुने हुए व्यवसाय पर निर्भर करती है।
विश्वकर्मा योजना की ट्रेनिंग कब होगी 2025
ट्रेनिंग इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि इसके बिना न तो लोन मिलता है और न ही टूलकिट। बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि 2025 में उनकी ट्रेनिंग कब शुरू होगी। इसे विस्तार से समझते हैं ताकि आपको सही समय और प्रक्रिया का पता चल सके।
ट्रेनिंग की प्रक्रिया
जब आपका आवेदन अप्रूव हो जाता है, तो आपको ट्रेनिंग के लिए सूचना मिलती है। यह प्रक्रिया इस तरह काम करती है।
- सूचना: फॉर्म अप्रूव होने के 15-30 दिनों के भीतर आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS या कॉल आएगा। इसमें ट्रेनिंग की तारीख, समय, और जगह की जानकारी होगी।
- स्थान: ट्रेनिंग आपके जिले के नज़दीकी सेंटर पर होगी। यह सेंटर जिला प्रशासन या CSC द्वारा तय किया जाता है। अगर आपको जगह नहीं पता, तो अपने CSC सेंटर से पूछ सकते हैं।
- अवधि: बेसिक ट्रेनिंग 5-7 दिन की होती है, जिसमें रोज़ाना 6-8 घंटे का सेशन हो सकता है। एडवांस ट्रेनिंग 15 दिन की होती है, जो वैकल्पिक है।
2025 में ट्रेनिंग का शेड्यूल
2025 में ट्रेनिंग का समय आपके आवेदन के अप्रूवल पर निर्भर करता है। मार्च 2025 तक देशभर में 3,715 ट्रेनिंग सेंटर्स सक्रिय हैं, और हर महीने नए बैच शुरू होते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपका फॉर्म मार्च में अप्रूव होता है, तो अप्रैल में आपकी ट्रेनिंग शुरू हो सकती है। ट्रेनिंग का समय स्थानीय प्रशासन तय करता है, लेकिन आमतौर पर यह सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चलती है। कुछ जगहों पर बैच की संख्या ज़्यादा होने पर दो शिफ्ट में भी ट्रेनिंग हो सकती है। अगर आपको देर हो रही है, तो हेल्पलाइन से संपर्क करें।
ट्रेनिंग का सिलेबस
- बेसिक ट्रेनिंग: यहाँ आपको अपने व्यवसाय को बेहतर करने के तरीके सिखाए जाते हैं। मिसाल के तौर पर, अगर आप कुम्हार हैं, तो आपको मिट्टी को जल्दी सुखाने वाली मशीनों का उपयोग करना सिखाया जाएगा। साथ ही, डिजिटल टूल्स जैसे मोबाइल ऐप्स से ऑर्डर लेने की जानकारी दी जाती है। यह ट्रेनिंग आपके काम को आसान और तेज़ बनाने पर फोकस करती है।
- एडवांस ट्रेनिंग: यह उन लोगों के लिए है जो अपने व्यवसाय को बड़ा करना चाहते हैं। इसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर रजिस्ट्रेशन, उत्पाद की पैकेजिंग, और मार्केटिंग स्ट्रैटेजी सिखाई जाती है। यह आपके लिए तब उपयोगी है जब आप अपने उत्पादों को बड़े बाजार में बेचना चाहते हैं।
सुझाव
- अगर आपको ट्रेनिंग का मैसेज न आए, तो हेल्पलाइन नंबर (1800-267-7777) पर संपर्क करें या अपने CSC सेंटर से पूछें।
- ट्रेनिंग के दौरान स्टाइपेंड (500 रुपये प्रतिदिन) ज़रूर लें। यह पैसा आपके खाते में बाद में जमा होता है, इसलिए बैंक डिटेल्स सही रखें।
- ट्रेनिंग में हिस्सा लेते वक्त नोट्स बनाएँ, ताकि बाद में आपको याद रहे कि क्या सिखाया गया।
पीएम विश्वकर्मा योजना स्टेटस कैसे चेक करें?
आवेदन करने के बाद आप यह जानना चाहेंगे कि आपका फॉर्म कहाँ तक पहुँचा है। स्टेटस चेक करना बहुत आसान है, और इसे आप घर बैठे कर सकते हैं। यहाँ पूरी प्रक्रिया समझें।
स्टेटस चेक करने की प्रक्रिया
- आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएँ।
- यहाँ आपको स्टेटस चेक करने का ऑप्शन मिलेगा। सबसे पहले "Login" ऑप्शन चुनें और अपने आधार नंबर व मोबाइल नंबर से लॉगिन करें।
- इसके बाद "Check Application Status" पर क्लिक करें।
- अब अपनी एप्लीकेशन ID डालें, जो आपको फॉर्म सबमिट करने के बाद मिली थी।
- इसे डालते ही स्क्रीन पर आपका स्टेटस दिख जाएगा। य
- ह प्रक्रिया 2-3 मिनट से ज़्यादा नहीं लेती। अगर आपके पास एप्लीकेशन ID नहीं है, तो CSC से दोबारा ले सकते हैं।
स्टेटस के प्रकार
- Pending: आपका फॉर्म अभी सत्यापन के लिए लंबित है। इसमें कुछ दिन लग सकते हैं।
- Approved: आप ट्रेनिंग के लिए पात्र हैं, और जल्द ही आपको सूचना मिलेगी।
- Rejected: अगर कोई गलती हुई हो, तो कारण बताया जाएगा। आप इसे ठीक करके दोबारा आवेदन कर सकते हैं।
टिप
अगर स्टेटस "Rejected" दिखे, तो घबराएँ नहीं। CSC या हेल्पलाइन से संपर्क करें और गलती सुधारें। ज़्यादातर मामलों में गलत बैंक डिटेल्स या अधूरे दस्तावेज़ की वजह से ऐसा होता है। इसे ठीक करने के बाद आप फिर से अप्लाई कर सकते हैं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
इस सेक्शन में हम उन सवालों के जवाब दे रहे हैं जो कारीगरों के मन में अक्सर आते हैं। यह आपके शंकाओं को दूर करेगा।
1. क्या सिलाई मशीन मुफ्त मिलती है?
नहीं, यह 15,000 रुपये के ई-वाउचर से खरीदी जाती है जो ट्रेनिंग के बाद मिलता है। यह वाउचर आपको टूलकिट के लिए दिया जाता है, और आप इसे सिलाई मशीन या अपने व्यवसाय के हिसाब से किसी और उपकरण पर खर्च कर सकते हैं।
2. ट्रेनिंग के बिना लोन मिलेगा?
नहीं, ट्रेनिंग अनिवार्य है। यह योजना का हिस्सा है ताकि कारीगरों को सही जानकारी और कौशल मिले। ट्रेनिंग के बिना न लोन मिलेगा और न ही टूलकिट।
3. क्या महिलाएँ आवेदन कर सकती हैं?
हाँ, यह योजना पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए है। इसमें कोई लिंग भेद नहीं है, और महिला कारीगर भी बराबर लाभ ले सकती हैं।
4. 2025 की अंतिम तारीख क्या है?
अभी कोई निश्चित तारीख घोषित नहीं हुई है। यह योजना 2028 तक चलेगी, लेकिन जल्दी आवेदन करें ताकि आपको जल्द लाभ मिल सके। हर साल बैच शुरू होते हैं, इसलिए देर न करें।
5. क्या लोन चुकाना ज़रूरी है?
हाँ, यह लोन है, कोई अनुदान नहीं। इसे तय समय में चुकाना होगा, लेकिन ब्याज दर कम होने की वजह से यह बोझ नहीं बनता। अगर आप इसे नहीं चुकाते, तो दूसरा लोन नहीं मिलेगा।
निष्कर्ष
पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 कारीगरों के लिए एक सुनहरा अवसर है। चाहे आप लोन लेना चाहें, ट्रेनिंग से अपने कौशल को निखारना चाहें, या सिलाई मशीन जैसे उपकरणों से अपने काम को आसान बनाना चाहें, यह योजना हर तरह से आपकी मदद करती है। यह न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि आपको आत्मनिर्भर बनने का मौका भी देती है। इस पोस्ट में हमने हर पहलू को विस्तार से कवर किया है ताकि आपको पूरी जानकारी एक ही जगह मिल जाए। आज ही आवेदन करें और अपने व्यवसाय को नई ऊँचाइयों तक ले जाएँ। अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो नीचे कमेंट करें—हम आपकी हर संभव मदद करेंगे। अपने सपनों को हकीकत में बदलने का समय आ गया है!
🔹 श्रमिकों और महिलाओं के लिए बेहतरीन योजनाएं!
👉 ई-श्रम कार्ड धारकों को मिल रहे ये बड़े फायदे! जानिए पूरी जानकारी! 👉 महिलाओं के लिए सुनहरा मौका! फ्री सिलाई मशीन योजना का आवेदन शुरू!