उद्धरण खतौनी कैसे निकालें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड: [2025]

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उद्धरण खतौनी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भूमि से जुड़ी जानकारी का प्रमाणिक दस्तावेज है। इसे भूलेख पोर्टल या जनसेवा केंद्र से प्राप्त किया जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि उद्धरण खतौनी क्या है, इसे ऑनलाइन कैसे देखें, प्रमाणित और अप्रमाणित प्रति कैसे प्राप्त करें, और इसे चेक करने का सही तरीका। क्या है अगर आप भी जानना चाहते हैं, की ऑनलाइन उद्धरण खतौनी कैसे निकालें तो इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा पढ़े इसमे आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी।

उद्धरण खतौनी कैसे निकालें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड: [2025]

    उद्धरण खतौनी क्या है?

    उद्धरण खतौनी (Udharan Khatauni) एक महत्वपूर्ण और प्रमाणिक दस्तावेज है, जो भारत के भूमि रिकॉर्ड सिस्टम का हिस्सा है। यह दस्तावेज़ मुख्य रूप से जमीन के स्वामित्व, फसल विवरण, और नामांतरण प्रक्रियाओं की जानकारी प्रदान करता है। इसे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि से संबंधित मुद्दों को हल करने और सरकारी कार्यों में उपयोग किया जाता है।

    उद्धरण खतौनी का अर्थ और उपयोग

    उद्धरण खतौनी का अर्थ:
    यह दस्तावेज़ आपकी जमीन की पहचान का प्रमाण है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि कौन व्यक्ति किसी विशेष भूमि का मालिक है और उस भूमि पर क्या गतिविधियाँ हो रही हैं। इसे "जमीन का आधार कार्ड" भी कहा जा सकता है।

    उद्धरण खतौनी का प्रमुख उपयोग:

    1. सरकारी योजनाओं में आवेदन: उद्धरण खतौनी का उपयोग विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बीज खाद सब्सिडी लेने में आवेदन के लिए किया जाता है।
    2. बैंक से लोन लेने में: भूमि स्वामित्व का प्रमाण होने के कारण, बैंक इसे लोन प्रोसेसिंग के दौरान एक आवश्यक दस्तावेज़ के रूप में मान्यता देते हैं।
    3. विवाद निपटाने में: भूमि विवादों में कानूनी प्रक्रिया के दौरान, यह दस्तावेज़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
    4. भूमि का स्वामित्व साबित करना: उद्धरण खतौनी आपके भूमि के स्वामित्व का एक वैध दस्तावेज है। यह दस्तावेज़ यह साबित करता है कि आप किसी विशेष भूमि के मालिक हैं।
    5. संपत्ति का क्रय-विक्रय: संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए उद्धरण खतौनी एक अनिवार्य दस्तावेज है। यह दस्तावेज यह सुनिश्चित करता है कि आप जिस संपत्ति को खरीद या बेच रहे हैं, वह आपकी है और इसमें किसी अन्य व्यक्ति का कोई हक नहीं है। 
    6. संपत्ति कर का भुगतान: संपत्ति कर का भुगतान करने के लिए उद्धरण खतौनी की आवश्यकता होती है। यह दस्तावेज यह दर्शाता है कि आप किस संपत्ति के मालिक हैं और आपको उस पर संपत्ति कर का भुगतान करना है।

    इस प्रकार, उद्धरण खतौनी का उपयोग न केवल आपकी जमीन की सुरक्षा करता है, बल्कि आपको विभिन्न सरकारी और निजी प्रक्रियाओं में भी सहायता प्रदान करता है।

    ऑनलाइन उद्धरण खतौनी कैसे निकालें

    उत्तर प्रदेश में उद्धरण खतौनी (Udharan Khatauni) निकालने के लिए आपको भूलेख पोर्टल का उपयोग करना होगा। यह प्रक्रिया आसान है, और आप इसे घर बैठे आसानी से कर सकते हैं। यहाँ पर हम आपको इसे निकालने का सही तरीका बता रहे हैं:

    1. भूलेख पोर्टल पर जाएं

    आपको सबसे पहले उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग के भूलेख पोर्टल https://upbhulekh.gov.in/ पर जाना होगा।

    उद्धरण खतौनी कैसे निकालें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड: [2025]

    2. रियल टाइम खतौनी की नकल देखें

    पोर्टल पर आने के बाद, रियल टाइम खतौनी की नकल देखने के लिए विकल्प पर क्लिक करें। इसके बाद, कैप्चा भरें और Submit करें।

    3. ज़िले और तहसील का चयन करें

    अब, आपको जिस ज़िले में आपकी ज़मीन है, उसे चुनना होगा। इसके बाद, तहसील का चयन करें और फिर गाँव का नाम चुनें, जहाँ आपकी ज़मीन स्थित है।

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    4. खसरा/गाटा संख्या से खोजें

    अब, आप अपनी खसरा/गाटा संख्या द्वारा उद्धरण खतौनी निकाल सकते हैं। इसके अलावा, खाता संख्या द्वारा भी आप खोज कर सकते हैं।

    5. नाम से खोजें

    इसके अलावा, आप खातेदार के नाम द्वारा भी अपना उद्धरण खतौनी निकाल सकते हैं।

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    6. भूमिश्रेणी या नामांतरण से खोजें

    आप भूमिश्रेणी द्वारा या नामांतरण दिनांक से भी खोज सकते हैं। एक बार जब आपने सही जानकारी भर दी, तो उसे नीचे दिए गए बॉक्स में दर्ज करें और खोजें पर क्लिक करें।

    7. कैप्चा भरें और कंटिन्यू करें

    यदि आपने नाम द्वारा खोजने का चयन किया है, तो खातेदार का नाम दर्ज करें और फिर खोजें पर क्लिक करें। अब, उद्धरण देखें पर क्लिक करें और स्क्रीन पर जो कैप्चा दिखाई दे, उसे भरें।

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    8. उद्धरण खतौनी (अप्रमाणित प्रति) देखें

    अब आपके सामने उद्धरण खतौनी (अप्रमाणित प्रति) प्रदर्शित हो जाएगी। अगर आप प्रमाणित खतौनी चाहते हैं, तो इसके लिए आपको जनसेवा केंद्र से संपर्क करना होगा।

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    9. खतौनी का प्रिंट लें

    उद्धरण खतौनी का प्रिंट निकालने के लिए आप Control + P दबाकर प्रिंट कर सकते हैं। अगर डाउनलोड विकल्प नहीं मिलता, तो आप इसे Save as PDF करके भी सहेज सकते हैं, या फिर स्क्रीनशॉट ले सकते हैं।

    जनसेवा केंद्र से उद्धरण खतौनी कैसे प्राप्त करें?

    उद्धरण खतौनी (प्रमाणित खतौनी) निकालने के लिए आप जनसेवा केंद्र या उत्तर प्रदेश सिटीजन पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं। यहाँ हम जनसेवा केंद्र और स्वयं प्रमाणित खतौनी निकालने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाएंगे।

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    जनसेवा केंद्र से प्रमाणित खतौनी कैसे निकालें

    अगर आप जनसेवा केंद्र से अपनी प्रमाणित खतौनी प्राप्त करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:

    • नजदीकी जनसेवा केंद्र पर जाएं और संचालक से अपनी खतौनी निकालने के लिए कहें।
    • जनसेवा केंद्र संचालक ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर लॉगिन करेंगे। फिर वह आपका जिला, तहसील, और गाँव चुनेंगे।
    • खतौनी निकालने के लिए संचालक को आपके ज़मीन का खाता संख्या दर्ज करना होगा। यदि आपके पास गाटा संख्या है, तो वह भी दर्ज कर सकते हैं।
    • खतौनी निकलवाने वाले व्यक्ति का मोबाइल नंबर दर्ज करना आवश्यक है।
    • जनसेवा केंद्र संचालक "डिजिटल हस्ताक्षरित खतौनी" विकल्प पर क्लिक करेंगे।
    • खतौनी निकालने के लिए फीस काटी जाती है, जो जनसेवा केंद्र के वॉलेट से स्वतः कट जाएगी।
    • शुल्क भुगतान के बाद, खतौनी जनरेट हो जाएगी। संचालक इसे प्रिंट करके आपको दे देंगे। यह खतौनी प्रमाणित होती है और सभी सरकारी कार्यों के लिए मान्य होती है।
    • जनसेवा केंद्र से निकाली गई खतौनी प्रमाणित होती है और सभी सरकारी योजनाओं में मान्य होती है।

    सिटीजन पोर्टल से खुद प्रमाणित खतौनी कैसे निकालें

    अगर आप स्वयं ऑनलाइन खतौनी निकालना चाहते हैं, तो यह प्रक्रिया अपनाएं:

    1. सिटीजन पोर्टल पर जाएं और "नया अकाउंट" बनाएं। यह खाता निःशुल्क होता है।
    2. अकाउंट लॉगिन करने के बाद, "खतौनी सेक्शन" पर क्लिक करें।
    3. अपनी ज़मीन के ज़िला, तहसील, और गाँव का चयन करें।
    4. 15 रुपये की फीस का ऑनलाइन भुगतान करें।

    सभी जानकारी सही-सही दर्ज करने के बाद, "डिजिटल हस्ताक्षरित खतौनी" विकल्प पर क्लिक करें और उसे प्रिंट या PDF में सेव करें। सिटीजन पोर्टल से स्वयं खतौनी निकालने पर भी यह प्रमाणित होती है।

    इस प्रकार, आप दोनों तरीकों से अपनी प्रमाणित खतौनी प्राप्त कर सकते हैं और इसे सरकारी कार्यों में उपयोग कर सकते हैं।

    प्रमाणित और अप्रमाणित खतौनी में क्या अंतर है 

    बिंदु प्रमाणित खतौनी अप्रमाणित खतौनी
    मान्यता सरकारी और कानूनी कार्यों में मान्य। केवल व्यक्तिगत जानकारी के लिए उपयोगी।
    कैसे प्राप्त करें जनसेवा केंद्र, सिटीजन पोर्टल, या तहसील कार्यालय। भूलेख पोर्टल (https://upbhulekh.gov.in/)
    डिजिटल हस्ताक्षर हाँ, डिजिटल हस्ताक्षरित होती है। नहीं।
    भुगतान की आवश्यकता हाँ, ₹15 या अन्य निर्धारित शुल्क। नहीं, यह निःशुल्क उपलब्ध है।
    खाता आवश्यक है? हाँ, सिटीजन पोर्टल पर खाता बनाना आवश्यक। नहीं, किसी खाते की आवश्यकता नहीं।
    उपयोग सरकारी योजनाओं, बैंक लोन, और विवाद सुलझाने के लिए। भूमि रिकॉर्ड देखने और जानकारी प्राप्त करने के लिए।
    कौन निकाल सकता है? केवल खाता धारक या जनसेवा केंद्र संचालक। कोई भी नागरिक ऑनलाइन देख सकता है।
    प्रमाणिकता की आवश्यकता प्रमाणिकता के लिए सरकारी सत्यापन आवश्यक। प्रमाणिकता की आवश्यकता नहीं।
    डाउनलोड/प्रिंट विकल्प डिजिटल हस्ताक्षर के साथ डाउनलोड या प्रिंट कर सकते हैं। केवल स्क्रीनशॉट या प्रिंट विकल्प उपलब्ध।

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    खसरा और खतौनी क्या होता है

    खसरा भूमि रिकॉर्ड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विशेष रूप से खेती योग्य भूमि के विवरण को दर्शाता है। यह दस्तावेज़ भूमि के स्वामित्व, उपयोग और फसल की जानकारी प्रदान करता है। खसरा में खेतों की भूमि का विवरण, खसरा संख्या, मालिक का नाम, क्षेत्रफल, और भूमि पर उगाई जाने वाली फसलें शामिल होती हैं। यह सरकारी रिकॉर्ड के रूप में उपयोग होता है और किसी भी भूमि विवाद, ऋण आवेदन, या सरकारी योजनाओं में सहायता के लिए महत्त्वपूर्ण होता है।

    खतौनी क्या होता है

    खतौनी भी भूमि रिकॉर्ड का हिस्सा होती है, लेकिन यह खसरा से अधिक विस्तृत होती है। यह भूमि के स्वामित्व का प्रमाण होता है, जिसमें भूमि मालिक का नाम, खतौनी संख्या, खसरा संख्या, और भूमि के संबंधित अन्य विवरण होते हैं। खतौनी भूमि के स्वामित्व का कानूनी दस्तावेज है, जिसे भूमि विवाद, लोन, और अन्य सरकारी कार्यों के लिए आवश्यक माना जाता है।

    खसरा और खतौनी में अंतर

    बिंदु खसरा खतौनी
    प्रकार कृषि भूमि का विवरण और फसल की जानकारी। भूमि स्वामित्व और भूमि के संबंधित विवरण।
    विवरण भूमि का आकार, खसरा संख्या, उपयोग की जानकारी। मालिक का नाम, खसरा संख्या, खतौनी संख्या।
    उपयोग भूमि के उपयोग और फसल की जानकारी के लिए। भूमि स्वामित्व, कानूनी दस्तावेज के रूप में।
    प्रमाणिकता विशेष रूप से कृषि भूमि के लिए उपयोगी। भूमि के स्वामित्व के प्रमाण के रूप में मान्य।
    प्राप्ति ऑनलाइन या तहसील कार्यालय से। ऑनलाइन या जनसेवा केंद्र से प्रमाणित प्राप्ति।

    खसरा कैसे निकालें

    खसरा निकालने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट https://ekhasra.up.gov.in पर जाएं।

    उद्धरण खतौनी कैसे निकालें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड: [2025]
    1. खसरा देखें विकल्प पर क्लिक करें।
    2. अपना जिला, फिर तहसील और उसके बाद गांव का चयन करें।
    उद्धरण खतौनी कैसे निकालें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड: [2025]
    1. खसरा नंबर खाता संख्या या अपना नाम दर्ज करें 
    2. और खोजें पर क्लिक करें।
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    1. खोज के बाद, नीचे दी गई सूची में हेक्टेयर और खसरा नंबर आईडी पर क्लिक करें।
    2. अब आपके सामने अप्रमाणित खसरा प्रति स्क्रीन पर दिख जाएगी। इसे आप प्रिंट या सेव कर सकते हैं।
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    प्रमाणित खसरा प्रति प्राप्त करने के लिए आपको तहसील या लेखपाल से संपर्क करना होगा। प्रमाणित प्रति निकालने के लिए लेखपाल या तहसील की आईडी का उपयोग आवश्यक है।

    यूपी खसरा खतौनी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

    Q1: उद्धरण खतौनी और खसरा खतौनी में क्या फर्क है?
    उत्तर: उद्धरण खतौनी भूमि स्वामित्व की जानकारी प्रदान करती है, जबकि खसरा खतौनी में भूमि की फसलों और प्रकार का विवरण दर्ज होता है।

    Q2: क्या खतौनी के लिए आधार कार्ड जरूरी है?
    उत्तर: नही, जनसेवा केंद्र पर खतौनी निकालने के लिए नाम या खसरा/गाटा संख्या आवश्यक है।

    Q3: क्या खतौनी नकल निशुल्क है?
    उत्तर: ऑनलाइन खतौनी देखने की सेवा निशुल्क है, लेकिन प्रमाणित प्रति डाउनलोड करने या प्रिंट करने के लिए शुल्क देना पड़ता है।

    Q4: प्रमाणित खतौनी कहां से प्राप्त करें?
    उत्तर: प्रमाणित खतौनी जनसेवा केंद्र, तहसील कार्यालय, या यूपी नागरिक पोर्टल से प्राप्त की जा सकती है।

    निष्कर्ष (Conclusion)

    उद्धरण खतौनी भूमि से जुड़ी कई कानूनी और प्रशासनिक कार्यों के लिए एक अहम दस्तावेज है। इस लेख में हमने विस्तार से बताया कि उद्धरण खतौनी कैसे निकालें और किस प्रकार आप इसे ऑनलाइन या जनसेवा केंद्र से प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप प्रमाणित खतौनी चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पोर्टल पर जाकर शुल्क का भुगतान करना होता है, जबकि अप्रमाणित खतौनी आप बिना किसी शुल्क के देख सकते हैं।

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