हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख आते ही, लोगों में एक हलचल मच जाती है। वेबसाइट क्रैश हो जाती हैं, सीए की फीस आसमान छू लेती है और आप सोचने लगते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न कैसे भरते हैं, तो चिंता न करें, इस ब्लॉग में हम आपको सरल तरीके से समझाएंगे कि Income Tax Return Kaise Bhara Jata Hai और इसे भरने के लिए आपको किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
सबसे पहले, यह समझना महत्वपूर्ण है कि आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख कब है, ताकि आप समय पर अपना रिटर्न दाखिल कर सकें और किसी भी प्रकार की पेनल्टी से बच सकें। इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि Income Tax Return Kaise Check Karen ताकि आप सुनिश्चित कर सकें कि आपका रिटर्न सही तरीके से दाखिल हुआ है या नहीं। सही दिशा-निर्देश और आवश्यक जानकारी के साथ, आप न केवल अपने टैक्स रिटर्न को समय पर दाखिल कर पाएंगे, बल्कि टैक्स बचत के विभिन्न उपायों को भी जान सकेंगे। तो आइए, इस महत्वपूर्ण और अनिवार्य प्रक्रिया को आसान और सरल बनाएं, और खुद को तनावमुक्त रखें।
इनकम टैक्स रिटर्न क्या होता है
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) एक आधिकारिक दस्तावेज है जिसमें आप अपनी वार्षिक आय, खर्चों, और कर देयताओं की जानकारी आयकर विभाग को देते हैं। इसमें आप बताते हैं:
- आपने कितना कमाया?
- किस स्रोत से कमाया?
- कौन-कौन से खर्च किए?
- कौन-कौन सी छूट ली?
ITR सरकार को यह जानने में मदद करता है कि आपके द्वारा अर्जित आय पर कितना कर लागू होता है और आपने कितना कर पहले से भुगतान किया है। इसे सही और समय पर दाखिल करना कानूनी जिम्मेदारी है और यह भविष्य में लोन या वित्तीय सहायता प्राप्त करने में भी सहायक होता है।
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Income Tax Return Kaise Bhara Jata Hai Overview
पोस्ट का नाम |
इनकम टैक्स रिटर्न कैसे भरें |
डिपार्टमेंट नाम |
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भारत सरकार |
लाभ |
कर देनदारी का सही निर्धारण, टैक्स बचत, ऋण प्राप्ति में आसानी, कर विभाग के साथ पारदर्शिता। |
किसे भरना है |
जिनकी वार्षिक आय ₹ 2.5 लाख से अधिक है, |
इनकम टैक्स रिटर्न लास्ट डेट |
31 जुलाई 2024 |
रिटर्न कैसे भरें |
ऑनलाइन/ऑफलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट |
https://www.incometax.gov.in/ |
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के फायदे
आईटीआर दाखिल करने के कई फायदे होते हैं जो आपके वित्तीय स्थिति को सुधार सकते हैं। यहाँ कुछ मुख्य फायदे दिए गए हैं:
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कर देनदारी का सही अंदाजा: ITR भरने से आप अपनी कर देनदारी का सही अंदाजा लगा सकते हैं और अधिक कर चुकाने से बच सकते हैं।
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टैक्स बचाने में मदद: ITR में विभिन्न कटौतियों और छूटों का लाभ उठाकर आप कर बचा सकते हैं।
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बैंक ऋण और वित्तीय लेनदेन में आसानी: ITR अक्सर बैंक ऋण और वित्तीय लेनदेन के लिए आवश्यक दस्तावेज होता है।
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कर विभाग के साथ पारदर्शिता: ITR भरने से आप कर विभाग के साथ पारदर्शिता बनाए रखते हैं।
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भविष्य के लिए फायदेमंद: ITR आपके वित्तीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो भविष्य में आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, जैसे कि विदेशी यात्रा के लिए वीजा प्राप्त करने में।
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सरकारी योजनाओं का लाभ: कुछ सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए ITR आवश्यक हो सकता है।
-
मानसिक शांति: ITR भरने से आपको कर देनदारी को लेकर मानसिक शांति मिलती है।
इन फायदों के अलावा, ITR भरना एक कानूनी दायित्व भी है।
इनकम टैक्स रिटर्न ना भरने के नुकसान:
- जुर्माना और ब्याज: आयकर रिटर्न दाखिल न करने पर जुर्माना और ब्याज देना पड़ सकता है।
- कर निर्धारण: आयकर विभाग अपनी ओर से आपकी आय का अनुमान लगा सकता है, जिससे कर देयता बढ़ सकती है।
- रिफंड में देरी: यदि रिफंड प्राप्त करने का हक है, तो इसके मिलने में देरी हो सकती है अगर आपने आयकर रिटर्न नहीं भरा।
- कानूनी कार्रवाई: आयकर विभाग कानूनी कार्रवाई के लिए आपके खिलाफ कदम उठा सकता है।
- फिनेंशियल प्रोफाइल में बाधा: आपकी वित्तीय प्रोफाइल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इन नुकसानों से बचने के लिए समय पर अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ITR FILE किसे भरना चाहिए
आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आवश्यकता उन व्यक्तियों और संस्थाओं पर निर्भर करती है जिनकी वित्तीय स्थिति या आय एक निश्चित सीमा से अधिक होती है। निम्नलिखित व्यक्तियों और संस्थाओं को ITR दाखिल करना होगा:
व्यक्तियों को:
- वेतनभोगी: जिनकी वार्षिक आय ₹ 2.5 लाख से अधिक है।
- व्यवसायी: जिनकी व्यवसायिक आय ₹ 6 लाख से अधिक है।
- पेंशनभोगी: जिनकी वार्षिक पेंशन आय ₹ 2.5 लाख से अधिक है।
- अन्य आय प्राप्तकर्ता: जिनकी लॉटरी, सट्टेबाजी, किराए, उपहार आदि से आय ₹ 2.5 लाख से अधिक है।
- TDS कटने वाले: जिनकी आय से TDS (Tax Deducted at Source) कट गया है, भले ही उनकी आय ₹ 2.5 लाख से कम हो उन्हें भी ITR भरना जरुरी है।
- कटौती या छूट का लाभ उठाने वाले: जो टैक्स कटौती या छूट का लाभ उठाना चाहते हैं, जैसे कि HRA, शिक्षा ऋण पर ब्याज, चिकित्सा बीमा आदि।
संस्थाओं को:
- कंपनियाँ: सभी प्रकार की कंपनियाँ, चाहे वे घरेलू हों या विदेशी।
- फर्म: साझेदारी फर्म और एलएलपी।
- ट्रस्ट: धार्मिक या धर्मनिरपेक्ष ट्रस्ट।
- संघ: क्लब, समाज और अन्य संघ।
यदि आप इन से संबंधित हैं और आयकर विभाग के निर्धारित सीमाओं से अधिक आय प्राप्त करते हैं, तो आपको आईटीआर दाखिल करना होगा। सबसे अच्छा होगा कि आप अपने कर सलाहकार से यह सुनिश्चित करें कि आपके लिए सही आईटीआर फॉर्म और प्रक्रिया क्या है।
ITR फाइल करने के लिए आवश्यक दस्तावेज:
आवश्यक दस्तावेज आपके आय के स्रोतों और आपके द्वारा किए गए निवेशों पर निर्भर करते हैं।
लेकिन, सामान्य तौर पर, ITR फाइल करने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- पैन कार्ड: यह ITR फाइल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
- आधार कार्ड: आधार कार्ड को आपके पैन कार्ड से लिंक होना चाहिए है।
- बैंक स्टेटमेंट: आपके बैंक खाते में लेनदेन का विवरण।
- आय के सबूत: आपको अपनी आय के सबूत (जैसे सैलरी स्लिप, बैंक बुक, बिजनेस आय के विवरण, किराया आय आदि) जमा करने की आवश्यकता होती है।
- वेतन विवरण पत्र (Salary Slip): यदि आप वेतनभोगी हैं, तो आपके नियोक्ता द्वारा जारी वेतन विवरण पत्र।
- मोबाइल नम्बर: आधार कार्ड में मोबाइल नम्बर लिंक होना चाहिए।
- ईमेल आई डी
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख
आईटीआर (Income Tax Return) दाखिल करने की आखिरी तारीख हर साल बदलती रहती है, वित्तीय वर्ष 2023-24 (कर वर्ष 2024) के लिए आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है, लेकिन कई बार इसे आगे बढ़ा दिया जाता है। इसलिए, आपको हर साल आयकर विभाग की वेबसाइट या आयकर सलाहकार से पता कर लेना चाहिए कि वर्तमान साल की आखिरी तारीख क्या है।
इनकम टैक्स रिटर्न कैसे भरा जाता है
आईटीआर ऑनलाइन फाइल करने की प्रक्रिया आसान है, और नीचे दिए गए स्टेप्स का पालन करके आप इसे आसानी से पूरा कर सकते हैं:
आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले, आपको इनकम टैक्स विभाग की आधिकारिक ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट का पता है:https://www.incometax.gov.in
रजिस्ट्रेशन या लॉग करें
रजिस्ट्रेशन (अगर पहले नहीं किया है):
यदि आपने पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो "Register " विकल्प पर क्लिक करें और आवश्यक जानकारी भरें। रजिस्ट्रेशन पूरा होने पर आपको यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेगा।
लॉग इन (अगर पहले से रजिस्ट्रेशन है):
अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड द्वारा लॉग इन करें।
आईटीआर फाइल करने का प्रारंभ
आईटीआर फाइलिंग का विकल्प चुनें: लॉग इन करने के बाद, 'e-file' टैब के अंतर्गत, "File Income Tax Return" विकल्प पर क्लिक करें।वित्त वर्ष चुनें:
अब वह वित्त वर्ष चुनें जिसके लिए आप आईटीआर दाखिल करना चाहते हैं और "Continue" पर क्लिक करें।
फाइलिंग प्रकार और आय प्रकार चुनें
फाइलिंग प्रकार का चयन: आपको अपने आय प्रकार के आधार पर "Individual" (व्यक्ति), "HUF" (हिंदू अविभाजित परिवार), या "Other than Individual/HUF" (अन्य इकाई) चुनना होगा।
ITR फॉर्म का चयन:
फिर, "Filing Type" में जाएं और "139(1)- Original Return" चुनें। अब आपको अपने आयकर फॉर्म का चयन करना होगा जो आपके लिए उपयुक्त है। फॉर्म आपके सिस्टम पर डाउनलोड हो जाएगा।
आयकर रिटर्न भरें और सत्यापन करें
आयकर रिटर्न भरें: अब आपको अपनी आयकर रिटर्न फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी भरनी होगी, जैसे कि आय, निवेश, वित्तीय संकेतक, आदि।
बैंक खाता विवरण:
अपना बैंक खाता विवरण दर्ज करें और उसे सत्यापित या प्री-वैलिडेट करें।
रिटर्न जमा और सत्यापन
अपना रिटर्न जमा करें: अपने आयकर रिटर्न को ऑनलाइन जमा करें। आपके फॉर्म को ऑनलाइन जमा करने के बाद, आपको एक रसीद मिलेगी।
ई-वेरिफाई या ITR-V भेजें:
आप अपने आयकर रिटर्न को ई-वेरिफाई कर सकते हैं या फिर ITR-V (वेरिफिकेशन) फॉर्म को भेज सकते हैं।
कर भुगतान
कर भुगतान (यदि लागू हो): अगर आपके आयकर रिटर्न के अनुसार कोई कर देनदारी है, तो आप उसे ऑनलाइन माध्यम से भुगतान कर सकते हैं।
इन स्टेप्स का पालन करके,अब आप जान गए होंगे Income Tax Return Kaise Bharte Hain और अब आप अपना आयकर रिटर्न आसानी से ऑनलाइन भर सकते हैं। यदि आपको किसी चरण में कोई समस्या हो, तो आपको ई-फाइलिंग वेबसाइट पर उपलब्ध गाइडेंस या कस्टमर सपोर्ट से मदद लें!
ई-वेरिफाई (e-verify) क्या होता है?
ई-वेरिफाई एक ऑनलाइन प्रक्रिया है जिसका उपयोग आयकर रिटर्न को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया सुरक्षित होती है और आपको पोस्टल या फिजिकल डाक प्रक्रिया से छुटकारा दिलाती है। जब आप अपने आयकर रिटर्न को ई-वेरिफाई करते हैं, तो आपको इसे फाइल करने के बाद फिजिकल रूप से सत्यापित करने की आवश्यकता नहीं होती।
ई-वेरिफाई कैसे किया जाता है?
ई-वेरिफाई करने के लिए विभिन्न तरीके होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:
आधार ओटीपी (One Time Password):
इस प्रक्रिया में, जब आप आयकर रिटर्न भर लेते हैं और उसे ई-वेरिफाई करने के लिए चुनते हैं, तो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाता है। इस ओटीपी को आयकर विभाग की वेबसाइट पर दर्ज करके आप अपने रिटर्न को सत्यापित कर सकते हैं।
ई-वेरिफाई कोड (EVC - Electronic Verification Code):
आप आयकर विभाग के द्वारा प्रदान किए गए ई-वेरिफाई कोड का उपयोग करके भी अपने रिटर्न को सत्यापित कर सकते हैं। इसे आयकर विभाग की वेबसाइट पर दर्ज करने के बाद आपका रिटर्न सत्यापित हो जाता है।
ई-वेरिफाई के फायदे:
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त्वरितता: आपका आयकर रिटर्न त्वरित रूप से सत्यापित होता है और आपको फिजिकल डाक की लंबी प्रक्रिया से बचाता है।
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सुरक्षा: ई-वेरिफाई एक सुरक्षित प्रक्रिया है जो आपके डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।
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आसानी: यह प्रक्रिया आसानी से की जा सकती है और विभाग द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है।
इस प्रकार, ई-वेरिफाई करके आप अपने आयकर रिटर्न को बिना किसी समस्या के सत्यापित कर सकते हैं। यदि आपको इस प्रक्रिया से संबंधित किसी भी अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो, तो आप आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए गाइडेंस या कस्टमर सपोर्ट से संपर्क कर सकते हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न स्टेटस कैसे चेक करें
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के स्टेटस को चेक करने के लिए आप निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकते हैं:
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आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करें:
- आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
- 'Login' या 'होम' पर क्लिक करें और अपनी यूजर ID (पैन कार्ड नंबर) और पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करें।
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रिटर्न स्टेटस की जांच करें:
- लॉग इन करने के बाद, 'व्यक्तिगत सेवाएं' या 'मेरा अकाउंट' विकल्प पर जाएं।
- 'रिटर्न/रिफंड स्टेटस' या 'विकल्प की जांच करें' जैसा ऑप्शन चुनें।
- यहां आप अपने पिछले दाखिल किए गए आईटीआर के स्टेटस को देख सकते हैं।
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मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करें:
- आयकर विभाग का 'आयकर सेवा' मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करें।
- एप्लिकेशन में लॉग इन करें और रिटर्न स्टेटस की जांच के लिए विशेष विकल्प का उपयोग करें।
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ई-मेल और संदेश अधिसूचनाएँ:
- आयकर विभाग आपको आपके द्वारा दाखिल किए गए आईटीआर की स्थिति के बारे में ई-मेल या संदेश के माध्यम से सूचित करती है।
इन स्टेप्स का पालन करके आप आसानी से अपने आईटीआर के स्टेटस की जांच कर सकते हैं। यदि आपको किसी भी और सहायता की आवश्यकता हो, तो आप आयकर सलाहकार से संपर्क कर सकते हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न कब तक आएगा
ITR दाखिल करने के बाद TDS रिफंड प्राप्त करने में समय की संभावित अवधि निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है:
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ITR दाखिल करने की तारीख: आपके द्वारा दाखिल की गई आयकर रिटर्न की तारीख प्रमुख कारक होती है। जल्दी दाखिल किए गए रिटर्न का प्रोसेसिंग भी जल्दी होता है, जिससे रिफंड भी तेजी से मिल सकता है।
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ITR प्रोसेसिंग: आयकर विभाग की प्रोसेसिंग की गति पर भी रिफंड का समय निर्भर करता है। यह आयकर विभाग के व्यस्तता, आवश्यक जांच-परीक्षण और अन्य प्रशासनिक कार्यक्रमों पर निर्भर करता है।
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आधार ओटीपी या EVC: आधार ओटीपी या EVC का उपयोग करके आपने अपना ITR सत्यापित किया है, तो इससे रिफंड प्राप्ति की प्रक्रिया में तेजी हो सकती है।
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सामान्य वित्तीय प्रबंधन: विभाग के काम के बोझ, छुट्टियाँ और अन्य प्राकृतिक घटनाओं के कारण, रिफंड प्रक्रिया में विलंब हो सकता है।
सामान्य तौर पर, ITR दाखिल करने के बाद TDS रिफंड प्राप्त करने में 7 दिनों से लेकर 3 महीनों का समय लग सकता है। यदि आपको रिफंड की स्थिति जाननी है, तो आप आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन करके देख सकते हैं या अपने आयकर सलाहकार से संपर्क कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि रिफंड का समय अधिक हो गया है, तो आप आयकर विभाग के हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकते हैं और अपनी स्थिति का पता लगा सकते हैं।
निष्कर्ष
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको समझाया कि इनकम टैक्स रिटर्न कैसे भरा जाता है आवश्यक दस्तावेज रिटर्न भरने की अंतिम तारीख की भी जानकारी दी, हमने बताया कि रिटर्न दाखिल करने के बाद TDS रिफंड प्राप्त करने में कितना समय लग सकता है इस तरह से, यह पोस्ट आपको Income Tax Return Kaise Bhara Jata Hai कि जानकारी देने में सहायक साबित होगी।
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