भारत में कई राज्य सरकारों ने अंतरजातीय विवाह को सामाजिक स्वीकृति और कानूनी मान्यता देने के लिए अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत अंतरजातीय विवाह करने वालों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना बिहार, MP, राजस्थान, यूपी, और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में लागू है।
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए, इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़ें इसमे हम आपको सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे। आपको इस योजना का एप्लीकेशन फॉर्म पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का लिंक भी मिलेगा, जिसे भरकर आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। आप चाहें तो Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana Online Registration कर इसका लाभ उठा सकते हैं यह भी बताएँगे साथ, अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना की सभी आवश्यक जानकारी आवेदन प्रक्रिया को आसान तरीके से बताया जायेगा।
अंतरजातीय विवाह क्या है
अंतरजातीय विवाह योजना क्या है
- बिहार: यहाँ इस योजना के तहत 2.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
- राजस्थान: यहाँ पर 10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
- उत्तर प्रदेश (UP): इस योजना के तहत 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
- महाराष्ट्र: यहाँ पर 3 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
- हिमाचल प्रदेश: इस राज्य में 75,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
अंतरजातीय विवाह योजना के मुख्य बिंदु
योजना का नाम | अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना |
शुरू करने वाला विभाग | समाज कल्याण विभाग |
लाभ | आर्थिक मदद व सामाजिक सुरक्षा |
लाभार्थी | अंतरजातीय विवाह करने वाले वर वधु |
उद्देश्य | समाज में भेदभाव व जातिवाद को ख़त्म करना |
आर्थिक सहायता राशि | अलग अलग राज्यों के अनुसार |
वर्ष | 2024 |
योजना स्थति | चालू है |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | राज्यों के अनुसार भिन्न हैं जैसे बिहार ambedkarfoundation.nic.in |
अंतरजातीय विवाह के फायदे
- अंतरजातीय विवाह से विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारा और सकारात्मक संबंध मजबूत होते हैं,।
- सरकार द्वारा चलाई जा रही अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजनाओं के तहत, जोड़ों को आर्थिक सहायता प्राप्त होती है।
- सरकारें ऐसे विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता के साथ सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करती हैं।
- यह विवाह विभिन्न संस्कृतियों के रीति-रिवाजों और परंपराओं का आदान-प्रदान कराता है।
- अंतरजातीय विवाह से समाज में समरसता और एकता को बढ़ावा मिलता है, जिससे जातियों और समुदायों के बीच भेदभाव कम होता है।
- अंतरजातीय विवाह सच्चे प्यार की विजय का प्रतीक हैं, जो दर्शाता है कि प्रेम जाति, धर्म या सामाजिक बाधाओं से परे है और यह दो दिलों को हमेशा के लिए जोड़ सकता है।
अंतरजातीय विवाह में कितनी धनराशि मिल सकती है
अंतरजातीय विवाह योजना राजस्थान
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बिहार
अंतरजातीय विवाह योजना उत्तर प्रदेश
अंतरजातीय विवाह योजना मध्य प्रदेश 2024
अंतरजातीय विवाह अनुदान महाराष्ट्र
अंतरजातीय विवाह के नुकसान
- भेदभाव और विरोध का सामना करना पड़ता है, जिससे मानसिक परेशानी हो सकती है।
- रीति-रिवाजों, परंपराओं, भाषा और जीवनशैली में भिन्नताएं टकराव और गलतफहमी पैदा कर सकती हैं।
- पारिवारिक संबंधों में तनाव और दरार हो सकती है।
- नई संस्कृति और रीति-रिवाजों के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल हो सकता है।
- संवाद में कठिनाई और गलतफहमी का सामना करना पड़ सकता है।
- अलग-अलग पृष्ठभूमियों के कारण पति-पत्नी में मतभेद हो सकते हैं।
- सामाजिक दबाव के कारण व्यक्तिगत जीवन प्रभावित हो सकता है।
- बच्चों को अपनी पहचान को लेकर कठिनाई हो सकती है।
- बच्चों के मानसिक और सामाजिक विकास पर असर पड़ सकता है।
- कई समुदायों में सामाजिक अस्वीकृति का सामना करना पड़ता है।
- परिवार और समाज के विरोध के कारण तनाव हो सकता है।
अंतरजातीय विवाह के लिए नियम क्या है पात्रता (Eligibiltiy)
अंतरजातीय विवाह के लिए निम्नलिखित मुख्य नियम होते हैं:- आयु: विवाह के समय लड़की की आयु कम से कम 18 वर्ष और लड़के की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।
- पहली शादी: योजना के अंतर्गत विवाहित जोड़ों की यह पहली शादी होनी चाहिए।
- नागरिकता: विवाह के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को भारतीय नागरिक होना आवश्यक है।
- विवाह पुष्टि: योजना के लिए आवेदन करने वाले विवाहित जोड़े का विवाह "हिंदू मैरिज एक्ट 1955" के तहत पुष्टि की जानी चाहिए।
- आय की सीमा: कुछ राज्यों में योजना के लिए आवेदन करने वाले जोड़ों की आय की सीमा तय की जाती है।
- आवेदन की अवधि: विवाह के बाद आवेदन करना अनिवार्य है और यह आवधि समय सीमित होती है। आमतौर पर विवाह के 1 वर्ष के भीतर आवेदन करना आवश्यक होता है।
अंतरजातीय विवाह योजना आवेदन दस्तावेज
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित है:- आधार कार्ड: दोनों विवाहित जोड़े का
- निवास प्रमाण पत्र: पहचान पत्र या अन्य दस्तावेज
- आयु प्रमाण पत्र: जन्म प्रमाण पत्र, या 10वीं पास प्रमाण पत्र, मार्कशीट।
- वोटर आईडी: दोनों पक्षों का
- पैन कार्ड: दोनों पक्षों का
- शादी का कार्ड: विवाह का निमंत्रण पत्र
- विवाह प्रमाण पत्र: रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा जारी
- जाति प्रमाण पत्र: यदि लागू हो (सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी)
- शादी का फोटो: दोनों साथ में
- मोबाइल नंबर: संपर्क के लिए
- आय प्रमाण पत्र: (नवीनतम वेतन पर्ची, आयकर रिटर्न, कृषि भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र आदि)
- पासपोर्ट आकार के फोटो: दोनों पक्षों के लिए (4 प्रतियां)
- बैंक खाता नंबर: पासबुक या चेक बुक
Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana Online Registration कैसे करें
अंतरजातीय विवाह योजना में ज्यादातर राज्यों में ऑफलाइन आवेदन होता है इसके लिए आपको अपने राज्य के समाज कल्याण विभाग से सम्पर्क होगा यदि आप ऑनलाइन आवेदन करना चाहते चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने राज्य की अधिकारिक वेबसाइट ambedkarfoundation.nic.in पर जाना होगा।
योजना के पृष्ठ पर जाएं:
- वेबसाइट के मेनू में "योजनाएं" या "स्कीम्स" सेक्शन में जाएं।
- अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के लिंक पर क्लिक करें।
पंजीकरण फॉर्म भरें:
- योजना के पेज पर "ऑनलाइन पंजीकरण" या "रजिस्टर" लिंक पर क्लिक करें।
- फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी भरें जैसे कि नाम, पता, आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर आदि।
- सुनिश्चित करें कि आपने सभी आवश्यक जानकारी सही ढंग से भरी हो।
दस्तावेज़ अपलोड करें:
- फॉर्म में सभी आवश्यक दस्तावेज़ जैसे कि आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, शादी का फोटो आदि अपलोड करें।
- सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज़ स्कैन करके सही प्रारूप में अपलोड किए गए हों।
फॉर्म सबमिट करें:
- सभी जानकारी चेक करने के बाद आवेदन फॉर्म को सबमिट करें।
- जमा करने के बाद, आपको एक पावती या रसीद मिलेगी जिसे आप भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।
रशीद डाउनलोड करें
- फॉर्म जमा करने के बाद आपको एक पावती संख्या या रसीद नंबर मिलेगा।
- इस पावती को संभालकर रखें, क्योंकि यह भविष्य में आपके आवेदन की स्थिति की जांच करने में काम आएगी।
आवेदन की स्थिति जांचें:
नोट: यदि आप किसी भी चरण में कोई समस्या का सामना करते हैं, तो संबंधित विभाग की हेल्पलाइन या संपर्क जानकारी का उपयोग करके सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
यह प्रक्रिया हर राज्य में थोड़ी भिन्न हो सकती है, इसलिए संबंधित राज्य की आधिकारिक वेबसाइट से सही जानकारी प्राप्त करें।आवेदन के बाद की प्रक्रिया:
आवेदन की समीक्षा:
- संबंधित विभाग आपके द्वारा जमा किए गए आवेदन और दस्तावेजों की समीक्षा करेगा।
- यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी जानकारी और दस्तावेज़ सही और पूर्ण हैं।
दस्तावेज़ों का सत्यापन:
- आपके द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों की सत्यता की जांच की जाती है।
- इसमें आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं।
मुलाकात या साक्षात्कार:
कुछ मामलों में, आवेदक को संबंधित विभाग द्वारा व्यक्तिगत मुलाकात या साक्षात्कार के लिए बुलाया जा सकता है।यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी जानकारी सही है और आवेदन में कोई भी गलती नहीं है।
अधिकारी द्वारा स्वीकृति:
सभी आवश्यक जांच और सत्यापन पूरा होने के बाद, संबंधित अधिकारी आपके आवेदन को स्वीकृति देंगे।स्वीकृति मिलने के बाद, आपके बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि ट्रांसफर की जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
अंतरजातीय विवाह से पैदा होने वाले बच्चों की जाति कौन सी होगी?
जाति से बाहर दूसरी जाति में विवाह करने को क्या कहा जाता है?
जाति से बाहर दूसरी जाति में विवाह करने को अंतरजातीय विवाह (Inter-caste marriage) कहा जाता है।अंतरजातीय विवाह के लिए 2.5 लाख की योजना क्या है?
निष्कर्ष
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म | ज्वाइन करने का लिंक |
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व्हाट्सएप ग्रुप | व्हाट्सएप ग्रुप लिंक |
टेलीग्राम चैनल | टेलीग्राम चैनल लिंक |
व्हाट्सएप चैनल | व्हाट्सएप चैनल लिंक |
फेसबुक पेज | फेसबुक पेज लिंक |
इंस्टाग्राम | इंस्टाग्राम लिंक |
यूट्यूब चैनल | यूट्यूब चैनल लिंक |
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