Amarnath Yatra 2025: ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन, तारीखें, पूरी गाइड

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अमरनाथ यात्रा, हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक है, भगवान शिव के दर्शन और हिमालय की अनुभूति का अद्भुत अनुभव इस यात्रा से मिलता है। दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3880 मीटर ऊंचे पहाड़ पर श्री अमरनाथ गुफा है जिसमे प्राक्रतिक रूप से बनने और पिघलने वाली भगवान शंकर की शिवलिंग हैं अमर नाथ यात्रा पर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन 2025 Last Date से पहले आपको रजिस्ट्रेशन कर लेना चाहिए। सरकारी आदेश के अनुसार, अमरनाथ यात्रा पर 13 साल से लेकर 70 साल के नागरिक जा सकते हैं। इस यात्रा पर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) ने अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए पंजीकरण 14 अप्रैल से शुरू हो गए हैं। जो 31 मई तक होंगे। इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको यात्रा की तारीखों, ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, मार्ग, और सुरक्षा टिप्स की पूरी जानकारी देंगे। अगर आप इस पवित्र यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यह गाइड आपके लिए एकदम सही है। आइए, शुरू करते हैं!  

जय बाबा बर्फानी!
Amarnath Yatra 2025: ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन, तारीखें, पूरी गाइड

अमर नाथ मंदिर कहां है

अमरनाथ मंदिर भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है। यह हिमालय की पिर पंजाल पर्वत श्रृंखला में सोनमर्ग से 141 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह गुफा भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है। अमरनाथ यात्रा प्रति वर्ष सावन मास में आयोजित की जाती है, और यह दुनिया की सबसे ऊंची तीर्थयात्राओं में से एक है। हिमालय की ऊंचाइयों में स्थित अमरनाथ गुफा का इतिहास जितना पुराना है, उतना ही रोमांचक भी है। यह वही गुफा है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।

अमरनाथ यात्रा 2025 के मुख्य बिंदु 

यात्रा का नाम अमर नाथ यात्रा 2025
यात्रा कब से कब तक जून 2025 से अगस्त 2025 तक (संभावित तारीखें: 28 जून से 15 अगस्त, अंतिम तारीख की पुष्टि बाकी)
पंजीकरण तिथि 14 अप्रैल 2025 से शुरू
पंजीकरण शुल्क ऑनलाइन 150 रूपये, ऑफलाइन 220 रूपये
यात्रा मार्ग
पहलगाम मार्ग (45 किमी) और बालटाल मार्ग (16 किमी)
पंजीकरण ऑनलाइन/ ऑफलाइन
आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in/
2025 का नया अपडेट:
  • 533 बैंक शाखाओं में एडवांस रजिस्ट्रेशन की सुविधा।
  • NRI और विदेशी श्रद्धालुओं के लिए विशेष पंजीकरण नियम।
  • ग्रुप रजिस्ट्रेशन के लिए आसान प्रक्रिया।
अमरनाथ गुफा का महत्व और इतिहास
अमरनाथ गुफा का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व अनमोल है। गुफा में हर साल सावन मास में बनने वाला बर्फ का शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, और इसके दर्शन को मोक्षदायी माना जाता है।
क्या बनाता है इसे खास?
  • आध्यात्मिक शुद्धि: यात्रा श्रद्धालुओं को पापों से मुक्ति और आत्मिक शांति देती है।
  • प्राकृतिक चमत्कार: बर्फ का शिवलिंग प्रकृति की अनोखी कृति है।
  • सामाजिक एकता: हिंदू, मुस्लिम, और अन्य समुदायों के लोग मिलकर यात्रा को सफल बनाते हैं।
इतिहास:
कहा जाता है कि गुफा की खोज प्राचीन काल में भृगु मुनि ने की थी। वहीं, आधुनिक समय में बूटा मलिक, एक मुस्लिम गड़रिया, ने 1850 में इसे फिर से खोजा। तब से यह गुफा तीर्थयात्रियों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन गई।

अमरनाथ यात्रा का महत्व

अमरनाथ यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं है, बल्कि हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक अनुभव है। यह यात्रा भगवान शिव के प्रति आस्था और भक्ति का प्रतीक है, और यह हिंदुओं को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रदान करती है कुछ मुख्य कारण हैं जो अमरनाथ यात्रा को हिंदू धर्म में विशेष बनाते हैं:
  • भगवान शिव का निवास स्थान: अमरनाथ गुफा को भगवान शिव का स्थायी निवास स्थान माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव ने यहाँ देवी पार्वती को अपने पुत्र गणेश की मृत्यु के दुःख से सांत्वना दी थी। इसलिए, यह गुफा हिंदुओं के लिए अत्यंत पवित्र स्थान है।
  • शिवलिंग का दर्शन: अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से निर्मित एक बर्फ का शिवलिंग है। यह शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, और इसके दर्शन को अत्यंत पुण्य कारक माना जाता है।
  • मोक्ष की प्राप्ति: हिंदू धर्म में यह विश्वास है कि अमरनाथ यात्रा करने से मोक्ष प्राप्त होता है। यात्रा के दौरान तीर्थयात्री कठिन पहाड़ी रास्तों से गुजरते हैं और कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करते हैं। यह यात्रा उन्हें अपनी आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाने और मोक्ष प्राप्त करने में मदद करती है।
  • आध्यात्मिक शुद्धि: अमरनाथ यात्रा आध्यात्मिक शुद्धि का एक मार्ग भी है। यात्रा के दौरान तीर्थयात्री अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं और नए जीवन की शुरुआत करते हैं।
  • सामाजिक सद्भाव: अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सद्भाव का भी एक मंच है। यात्रा के दौरान हिंदू, मुस्लिम और अन्य समुदायों के लोग एक साथ रहते हैं और भाईचारे का माहौल बनाते हैं। 

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अमरनाथ की खोज किसने की थी

अमरनाथ गुफा की खोज किसने की, यह निश्चित रूप से कहना मुश्किल है। इतिहास में कई कथाएं और दावे हैं, जिनमें से कुछ प्रमाणित हैं और कुछ अप्रमाणित। आइए हम इनमें से कुछ मुख्य दावों पर नज़र डालते हैं:

1 पुराणों और धर्म ग्रंथों के अनुसार

  • पुराणों और धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्राचीन काल में कश्मीर घाटी पूरी तरह से पानी में डूबी हुई थी।
  • कश्यप मुनि ने वहां नदियों का निर्माण किया, जिससे पानी कम होने लगा और घाटी का निर्माण हुआ।
  • उसके बाद, भृगु मुनि प्रवास पर गए और अमरनाथ गुफा की खोज उन्होंने ही की थी।
  • शास्त्रों में इस गुफा का उल्लेख है, लेकिन इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया।

1. प्रचलित कहानियों के अनुसार:

  • एक प्रचलित कहानी के अनुसार, अमरनाथ गुफा की खोज बूटा मलिक नामक एक मुस्लिम गड़रिया ने 1850 में की थी।
  • कहा जाता है कि बूटा मलिक पहाड़ों में भेड़ चरा रहे थे, जब उन्हें एक चमकती हुई रोशनी दिखाई दी।
  • उन्होंने इस रोशनी का पीछा किया और अमरनाथ गुफा तक पहुंच गए।
  • उन्होंने इस गुफा की खबर पहलगाम के ग्रामीणों को दी, तब से यह एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल बन गया।
यह विश्वास का मामला: है कि आप किस कहानी को सच मानते हैं। लेकिन यह निश्चित है कि अमरनाथ गुफा एक पवित्र स्थान है जो सदियों से हिंदुओं के लिए आस्था का केंद्र रहा है

अमरनाथ यात्रा के लिए पात्रता 

अमरनाथ यात्रा एक कठिन पहाड़ी यात्रा है, इसलिए इसमें भाग लेने के लिए कुछ पात्रता मापदंड निर्धारित किए गए हैं। यदि आप इस यात्रा में शामिल होने की योजना बना रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान से पढ़ें।
  • न्यूनतम आयु सीमा 13 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष है।
  • 13 वर्ष से कम आयु वाले और 70 वर्ष से अधिक आयु वाले यात्रियों को यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
  • यात्रा में भाग लेने वाले यात्री को शारीरिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है।
  • उन्हें सांस लेने में किसी भी तकलीफ, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, या मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
  • पंजीकरण के पूर्व डॉक्टर से परामर्श और फिटनेस प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
  • फिटनेस प्रमाण पत्र श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा निर्धारित अस्पतालों से ही जारी किया जाएगा।
  • सरकारी नियमों का पालन यात्रा के दौरान अनिवार्य है।
  • पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
  • 6 सप्ताह से अधिक गर्भावस्था वाली गर्भवती महिलाओं को अनुमति नहीं है।

अमरनाथ यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज

अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण कराने से पहले, यह सुनिश्चित कर लें कि आपके पास निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज चाहिए:
  1. आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र
  2. पासपोर्ट आकार की फोटो
  3. ईमेल आई डी
  4. मोबाइल नम्बर
  5. स्वास्थ्य प्रमाण पत्र (SASB द्वारा अधिकृत अस्पताल से)  
  6. अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन मेडिकल सर्टिफिकेट फॉर्म

अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस यात्रा में भाग लेने के लिए, शारीरिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है। इसलिए, अमरनाथ यात्रा के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य है।

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Amarnath Yatra Medical Form 2025 Pdf Download English

अमरनाथ यात्रा के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं

  • स्वास्थ्य प्रमाण बनवाने के लिए मेडिकल फॉर्म डाउनलोड करें। 
  • श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड द्वारा चयनित अस्पताल में जाएँ चयनित Hospital की सूची https://jksasb.nic.in/ पर उपलब्ध है।
  • अपने राज्य के चयनित अस्पतालों की सूची देखने के लिए, "State/UT wise List of Doctors/Institutions authorised to issue Compulsory Health Certificate (CHC) for Yatra 2025" लिंक पर क्लिक करें।
  • एक नया पेज खुलेगा, जिसमें से आपको अपने राज्य का चयन करना होगा।
  • राज्य के सामने लिखे हुए "Download" बटन पर क्लिक करें।
  • एक PDF डाउनलोड हो जाएगा जिसमें आपके राज्य के सभी जिलों में अस्पतालों के नाम दिए गए हैं, जिनसे आप अमरनाथ यात्रा के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं।
  • प्रमाण पत्र प्राप्त करें: 8 अप्रैल 2025 या उसके बाद का प्रमाण पत्र मान्य होगा।
टिप: स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बिना रजिस्ट्रेशन अधूरा है, इसलिए इसे समय पर बनवाएं।

अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें? (Amarnath Yatra Registration 2025 Online)

अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए आप ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं इसके लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
  • वेबसाइट पर जाएं: अमरनाथ यात्रा के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए https://www.jksasb.nic.in/ पर जाएं।
अमरनाथ यात्रा 2025: ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन, तारीखें, और पूरी गाइड
  • Online Services पर क्लिक करें: वेबसाइट के डैशबोर्ड पर मेनू बार में "Online Services" पर क्लिक करें। इससे एक नया पेज खुलेगा।
  • यात्रा परमिट पंजीकरण: नए पेज में "Yatra Permit Registration" विकल्प पर क्लिक करें। फिर नीचे स्क्रॉल करें और "I Agree" बटन पर टिक करें और "Register" पर क्लिक करें। इससे एक और नया पेज खुलेगा।
  • यात्रा का रूट और तिथि चुनें: सबसे पहले आपको यात्रा के रूट का विकल्प और यात्रा की तिथि का चयन करना होगा। अपनी इच्छित तिथि चुनने के बाद स्लॉट चेक करें।
  • विवरण भरें: अपनी पूरी जानकारी यहाँ भरें। अपना विवरण - नाम और फोन नंबर - भरें।
  • दस्तावेज़ अपलोड करें: फोटोग्राफ और मेडिकल प्रमाणपत्र अपलोड करें। ध्यान दें कि इनकी साइज 1 MB से कम होनी चाहिए।
  • फॉर्म चेक करें और सबमिट करें: फॉर्म की जाँच करें और रजिस्ट्रेशन फॉर्म सबमिट करें। सबमिट करने के बाद कन्फर्मेशन पेज पर रजिस्ट्रेशन नंबर नोट करें। अथवा आपके मोबाइल ईमेल पर SMS में प्राप्त होगा। 

अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन फीस (Amarnath Yatra Registration Fees)

अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए पंजीकरण शुल्क ₹150 प्रति व्यक्ति है। यह शुल्क ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान भुगतान किया जाता है। ऑनलाइन पंजीकरण करने के बाद शुल्क का भुगतान करें। 
  • वेबसाइट रजिस्ट्रेशन पेज पर जाएँ।
  • Make Payment / Download Permit: विकल्प पर क्लिक करें एप्लीकेशन नम्बर और मोबाइल नम्बर दर्ज करें Make Payment And Download Permit पर क्लिक कर शुल्क का भुगतान करें।
इस प्रकार, आप आसानी से अमरनाथ यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए:
  1. बैंक शाखा में जाएं: पंजाब नेशनल बैंक (309 शाखाएं), जम्मू-कश्मीर बैंक (91 शाखाएं), यस बैंक (34 शाखाएं), या SBI (99 शाखाएं) की किसी शाखा में जाएं।
  2. फॉर्म भरें: आधार-आधारित बायोमेट्रिक फॉर्म में जानकारी दर्ज करें।
  3. दस्तावेज जमा करें: स्वास्थ्य प्रमाण पत्र और फोटो जमा करें।
  4. शुल्क भुगतान: ₹220 का भुगतान करें।
  5. परमिट प्राप्त करें: रजिस्ट्रेशन के बाद यात्रा परमिट मिलेगा।
ग्रुप रजिस्ट्रेशन:
  • 5 या अधिक लोगों के समूह के लिए, SASB के CEO को रजिस्टर्ड डाक के जरिए आवेदन भेजें।
  • यह सुविधा 14 अप्रैल से 31 मई 2025 तक उपलब्ध है।
NRI/विदेशी श्रद्धालु:
  • विशेष नियमों के तहत ऑनलाइन या डाक के जरिए रजिस्ट्रेशन करें।

अमरनाथ यात्रा के लिए आवश्यक वस्तुओं की सूची

अमरनाथ यात्रा के लिए निम्नलिखित वस्तुएं आवश्यक हैं:
  • कपड़े: गर्म कपड़े, जैसे ऊनी टोपी, दस्ताने और मोजे; जलरोधी कपड़े; आरामदायक जूते; अतिरिक्त कपड़ों का एक सेट।
  • व्यक्तिगत सामान: टूथब्रश, टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, तौलिया, सनस्क्रीन, मॉइस्चराइज़र, चस्मा, व्यक्तिगत दवाएं।
  • अन्य आवश्यक वस्तुएं: टॉर्च, पानी की बोतल, सूखे मेवे, बिस्कुट, चॉकलेट, पावर बैंक, कैमरा, पहचान पत्र।

अमरनाथ यात्रा मार्ग (Amarnath Yatra Route)

अमरनाथ यात्रा के दो मुख्य मार्ग हैं:

1. पहलगाम मार्ग (Pahalgam Route) 

यह सबसे लोकप्रिय मार्ग है और इसकी दूरी लगभग 45 किलोमीटर है। इस मार्ग में चढ़ाई और उतराई दोनों शामिल हैं, और इसे पूरा करने में 4-5 दिन लगते हैं।

2. चंदनबाड़ी मार्ग (Chandanwari Route)

यह मार्ग कम लोकप्रिय है और इसकी दूरी लगभग 16 किलोमीटर है। इसे पूरा करने में 2-3 दिन लगते हैं।

अमर नाथ यात्रा सुरक्षा और सावधानियां:

  1. अपनी शारीरिक क्षमता का आकलन करें और उसी के अनुसार यात्रा करें।
  2. यदि आप बीमार हैं या कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो यात्रा पर जाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  3. ऊंचाई की बीमारी से बचने के लिए धीरे-धीरे ऊंचाई बढ़ाएं।
  4. आपातकालीन दवाएं और प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें।
  5. अपने मोबाइल फोन को चार्ज रखें और महत्वपूर्ण संपर्कों का नंबर अपने पास रखें।
  6. शारीरिक फिटनेस प्राप्त करके यात्रा की तैयारी करें – यात्रा से कम से कम एक महीने पहले, प्रति दिन लगभग 4-5 किमी की प्रारंभिक सैर शुरू करने की सलाह दी जाती है।
  7. शरीर की ऑक्सीजन दक्षता में सुधार के लिए गहरी साँस लेने का व्यायाम और योग, विशेष रूप से प्राणायाम शुरू करें।
  8. निर्जलीकरण और सिरदर्द से निपटने के लिए बहुत सारा पानी पीएं - प्रति दिन लगभग 5 लीटर तरल पदार्थ।
  9. थकान को कम करने और निम्न रक्त शर्करा के स्तर को रोकने के लिए बहुत सारे कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें।
  10. यदि आपको ऊंचाई की बीमारी के लक्षण होने लगते हैं, तो तुरंत कम ऊंचाई पर उतरें।

अमर नाथ यात्रा खर्च

अमरनाथ यात्रा के लिए कुल खर्च व्यक्तिगत खर्चों, यात्रा के तरीके और चुने गए आवास विकल्पों के आधार पर भिन्न होता है। अनुमानित खर्च इस प्रकार हैं:
अमरनाथ यात्रा का खर्च व्यक्तिगत पसंद और सुविधाओं पर निर्भर करता है:
  • रजिस्ट्रेशन शुल्क: ₹150-₹220
  • यात्रा बीमा: ₹500-₹1,000
  • भोजन: ₹1,000-₹2,000 प्रतिदिन
  • आवास: ₹500-₹2,000 प्रति रात
  • पोर्टर/घोड़ा: ₹2,000-₹5,000
  • अन्य खर्च: ₹1,000-₹2,000
कुल अनुमानित खर्च: ₹10,000-₹20,000 प्रति व्यक्ति।
टिप: बजट यात्रा के लिए सरकारी लंगर और सस्ते कैंप चुनें।

अमरनाथ की अमर कबूतर की कथा

अमरनाथ गुफा से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ हैं, जिनमें से एक प्रमुख कथा अमर कबूतरों की है। यह कथा भगवान शिव और माता पार्वती की अमर कथा से जुड़ी हुई है।

कहानी के अनुसार, एक बार भगवान शिव माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताने के लिए एक निर्जन स्थान की तलाश में निकले। उन्होंने यह निर्णय लिया कि वह इस रहस्य को एक ऐसी जगह पर बताएंगे जहां कोई अन्य जीव उपस्थित न हो। इसके लिए उन्होंने हिमालय की गुफा को चुना, जिसे आज अमरनाथ गुफा के नाम से जाना जाता है।

गुफा तक पहुँचने के लिए भगवान शिव ने अपने सभी सामान और नंदी बैल को छोड़ दिया। उन्होंने अपनी संतान गणेश को भी अन्य स्थान पर भेज दिया और अपने पांचों तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) को भी पीछे छोड़ दिया। उन्होंने माता पार्वती को गुफा में बैठाया और अमर कथा सुनानी शुरू की।

कहा जाता है कि भगवान शिव द्वारा अमर कथा सुनाने के दौरान एक जोड़ा कबूतर गुफा में उपस्थित था। भगवान शिव ने इन्हें भी मृत मान लिया था, परंतु ये कबूतर जीवित थे और पूरी कथा सुन रहे थे। कथा सुनने के बाद वे अमर हो गए। इसलिए इन्हें अमर कबूतर कहा जाता है।

आज भी, तीर्थयात्री मानते हैं कि अमरनाथ गुफा के भीतर ये अमर कबूतर दिखाई देते हैं और इनका दर्शन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह कथा अमरनाथ यात्रा को और भी पवित्र और महत्वपूर्ण बनाती है।

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अमरनाथ यात्रा से जुड़े अन्य सवाल (FAQs)

Q1: अमरनाथ यात्रा 2025 का रजिस्ट्रेशन कब शुरू होगा?

A: एडवांस रजिस्ट्रेशन 14 अप्रैल 2025 से शुरू होगा।

Q2: क्या NRI श्रद्धालु यात्रा कर सकते हैं?

A: हां, NRI और विदेशी श्रद्धालुओं के लिए विशेष रजिस्ट्रेशन नियम हैं।

Q3: यात्रा के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र कहां से बनवाएं?

A: SASB द्वारा अधिकृत अस्पतालों से। सूची jksasb.nic.in पर उपलब्ध है।

Q4: पहलगाम और बालटाल मार्ग में क्या अंतर है?

A: पहलगाम मार्ग लंबा (45 किमी) और सुंदर है, जबकि बालटाल मार्ग छोटा (16 किमी) लेकिन चुनौतीपूर्ण है।

Q5: यात्रा में कितने पड़ाव हैं?

A: पहलगाम मार्ग में 6 और बालटाल मार्ग में 4 प्रमुख पड़ाव हैं।

जम्मू से अमरनाथ कितने किलोमीटर है?

जम्मू से अमरनाथ गुफा की दूरी लगभग 315 किलोमीटर है। यह दूरी सड़क मार्ग से पहलगाम या बालटाल होते हुए तय की जाती है।

अमरनाथ की चढ़ाई कितनी है?

अमरनाथ यात्रा के लिए दो मुख्य मार्ग हैं: पहलगाम मार्ग और बालटाल मार्ग, और दोनों की चढ़ाई की जानकारी निम्नलिखित है: पहलगाम मार्ग: इस मार्ग की कुल दूरी लगभग 45 किलोमीटर (28 मील) है। पहलगाम मार्ग पर चढ़ाई लगभग 3,000 मीटर (9,842 फीट) होती है। यह मार्ग अधिक लंबा और चुनौतीपूर्ण है, बालटाल मार्ग: इस मार्ग की कुल दूरी लगभग 16 किलोमीटर (10 मील) है। बालटाल मार्ग पर चढ़ाई लगभग 1,500 मीटर (4,921 फीट) होती है। यह मार्ग अपेक्षाकृत कम दूरी और चढ़ाई के कारण तीर्थयात्रियों के लिए आसान और तेज़ है। इन दोनों मार्गों का चयन यात्री अपनी सुविधा और शारीरिक क्षमता के अनुसार कर सकते हैं।

अमरनाथ यात्रा कितने दिन की होती है?

अमरनाथ यात्रा की अवधि आमतौर पर 3 से 5 दिनों की होती है, जो मार्ग और यात्रा की गति पर निर्भर करती है:

अमरनाथ यात्रा में कितने पड़ाव है?

अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को कई प्रमुख पड़ावों से होकर गुजरना पड़ता है। पहलगाम मार्ग में कुल 6 प्रमुख पड़ाव हैं, जबकि बालटाल मार्ग में 4 प्रमुख पड़ाव हैं। दोनों मार्गों के पड़ाव तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम और आवश्यक सुविधाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

अमरनाथ यात्रा हेल्पलाइन नंबर और संपर्क जानकारी?

अमरनाथ यात्रा हेल्पलाइन: 18001807198 जम्मू और 18001807199 श्रीनगर, पुलिस: 100 अतिरिक्त जानकारी: अमरनाथ यात्रा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए, आप श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर जा सकते हैं।

निष्कर्ष

इस ब्लॉग पोस्ट में आपको अमरनाथ यात्रा से जुडी हर हर जानकारी देने की कोशिश की गयी है जिमसे बताया गया "Amarnath Yatra 2025Registration Last Date" की समय सीमा के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त करने का सुनहरा मौका मिला। अगर आपने अभी तक पंजीकरण नहीं किया है, तो अब जल्दी से जल्दी पंजीकरण करें और इस आध्यात्मिक यात्रा का आनंद उठाएं।

आपके अनुभव और विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। कृपया अपनी राय साझा करें, और इस पोस्ट को अन्य दोस्तों में शेयर करें। 

(जय बाबा बर्फानी)

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