Uttarakhand Char Dham Yatra 2025: ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करें

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हिमालय की पवित्र भूमि में स्थित चार धाम यात्रा, हिन्दुओं के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है। यह यात्रा आध्यात्मिकता, शांति और हिन्दू धर्म में वर्णित तीर्थ क्षेत्रो की खोज है। अगर आप भी हिमालय की पवित्र भूमि में चार धाम यात्रा के लिए जाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है उत्तराखंड चार धाम यात्रा की इस पोस्ट में! इस लेख में हम आपको Uttarakhand Char Dham Yatra Online Registration कैसे करें इसकी पूरी जानकारी देंगे साथ ही चार धाम यात्रा का सही क्रम क्या है चार धाम यात्रा पैकेज सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देंगे जो आपकी यात्रा को सुरक्षित व सुगम बना सकती है। इस धार्मिक और पारंपरिक यात्रा के सभी महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

Uttarakhand Char Dham Yatra 2024 - चार धाम यात्रा परमिट ऑनलाइन पूरी गाइड

    भारत के चार धामों के नाम क्या है

    भारत में उतराखंड राज्य को देवताओं की भूमि माना  जाता है धार्मिक धर्म ग्रंथो के अनुसार महाराज भागीरथ ने गंगा को प्रथ्वी पर लाने के लिए इसी भूमि पर तप किया था। इसी राज्य से गंगा यमुना का प्रादुर्भाव हुआ है। इसी भूमि पर भगवान शिव का पवित्र हिमालय स्थित है इसी हिमालय क्षेत्र की ऊँचाई पर भारत के चार तीर्थ धाम स्थित हैं। 
    1. बद्रीनाथ धाम हिन्दू तीर्थस्थल, विष्णु का मंदिर,
    2. केदारनाथ धाम शिव का आवास, 
    3. गंगोत्री धाम में गंगा का मंदिर, 
    4. यमनोत्री धाम में यमुना का मंदिर।

    यहाँ आप जानेंगे चार धाम यात्रा पैकेज कैसे बनाए जाते हैं और चार धाम यात्रा में कितना खर्चा आता है। क्या आपने कभी सोचा है कि चार धाम यात्रा पैकेज Helicopter से भी की जा सकती है? इसके अलावा, हम आपको बताएँगे कि चार धाम यात्रा कहाँ से शुरू होती है और Uttarakhand Char Dham Yatra Online Registration 2024-25 में क्या नई बातें हैं। इसके अलावा, हम चर्चा करेंगे केदारनाथ के बारे में, जहाँ स्वर्ग से हवा आती है और केदारनाथ कब खुलता है और कब बंद होता है। क्या आप जानते हैं कि केदारनाथ मंदिर किसने बनवाया था और हरिद्वार से केदारनाथ किराया कितना है?

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    चार धाम यात्रा केदारनाथ कब खुलता है और कब बंद होता है

    चार धाम मंदिर खुलने की तारीख बंद होने की तारीख
    बद्रीनाथ 12 मई 2024 नवंबर 2024
    केदारनाथ 10 मई 2024 नवंबर 2024
    गंगोत्री 10 मई 2024 अक्टूबर 2024
    यमुनोत्री 10 मई 2024 अक्टूबर 2024
    हेमकुंड साहिब 25 मई 2024 नवंबर 2024

    चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराने के लाभ:

    चार धाम यात्रा पंजीकरण कराने के निम्नलिखित लाभ हैं।
    • विशेष पंजीकरण कार्ड/यात्रा कार्ड: पंजीकरण के बाद, प्रत्येक तीर्थयात्री को एक विशेष पंजीकरण कार्ड/यात्रा कार्ड जारी किया जाता है। यह कार्ड यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को सरकारी सुविधाओं और सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है।
    • बेहतर निगरानी और सुरक्षा: पंजीकरण कार्ड/यात्रा कार्ड यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नज़र रखने में मदद करते हैं। इससे अधिकारियों को तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।
    • सरकारी सेवाओं का लाभ: पंजीकरण कार्ड/यात्रा कार्ड का उपयोग करके तीर्थयात्री भोजन, आवास और परिवहन जैसी सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। इससे उनकी यात्रा अधिक सुविधाजनक और सुगम हो जाती है।
    • भीड़भाड़ का प्रबंधन: पंजीकरण तीर्थयात्रियों की संख्या को सीमित करने में मदद करता है, जिससे भीड़भाड़ कम होती है और यात्रा का अनुभव अधिक सुखद होता है।
    • आपातकालीन सहायता: पंजीकरण कार्ड/यात्रा कार्ड में तीर्थयात्री की महत्वपूर्ण जानकारी होती है, जैसे कि नाम, पता और आपातकालीन संपर्क जानकारी। यह जानकारी आपातकालीन स्थिति में सहायक हो सकती है।
    कुल मिलाकर, चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराना तीर्थयात्रियों के लिए एक सुरक्षित, सुविधाजनक और सुखद अनुभव सुनिश्चित करने में मदद करता है।

    चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज़

    चार धाम यात्रा करने के लिए रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्कता पड़ेगी। जो निम्न प्रकार है। 
    1. वैध पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, पासपोर्ट, या मतदाता पहचान पत्र।
    2. नवीनतम पासपोर्ट आकार की तस्वीरें: तस्वीरों की गुणवत्ता और स्पष्टता में सुनिश्चित करें।
    3. मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र: किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी। इसमें आपकी स्वास्थ्य स्थिति का प्रमाण होना चाहिए।
    4. आधारकार्ड और फोटो अपलोड: अपने आधारकार्ड की प्रतिलिपि और अपनी फोटो अपलोड करें।
    5. घर का पता और मोबाइल नंबर: रजिस्ट्रेशन फॉर्म में सही और वैध गृह पता और संपर्क नंबर दें।
    6. निजी वाहन का रजिस्ट्रेशन: अगर आप निजी वाहन से यात्रा कर रहे हैं, तो अपने वाहन का भी रजिस्ट्रेशन कराएं।
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    उत्तराखंड चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन कैसे करें

    उत्तराखंड चार धाम यात्रा पर जाने के लिए आप ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। बिना रजिस्ट्रेशन के चार धाम यात्रा पर जाने की अनुमति प्रशासन की तरफ से नही है ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए सबसे पहले वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर जाएँ। रजिस्ट्रेशन विकल्प पर क्लिक करें।
    चार धाम यात्रा 2024 : चार धाम यात्रा परमिट ऑनलाइन: पूरी गाइड

    • रजिस्ट्रेशन फॉर्म में इंडिया टूरिस्ट भारत का चयन कर अपना नाम मोबाइल नम्बर दर्ज कर एक 6 अक्षर व नम्बरों का एक पासवर्ड बनाये
    • सत्यापन: ओटीपी सत्यापन के माध्यम से पंजीकरण को सत्यापित करें।
    • लॉगइन: अपने मोबाइल नंबर और पासवर्ड के साथ लॉगइन करें।
    • व्यक्तिकृत डैशबोर्ड: एक व्यक्तिकृत डैशबोर्ड दिखाई देगा; "तीर्थयात्री जोड़ें/प्रबंधित करें" पर क्लिक करें।
    • टूर प्लान विवरण: टूर प्लान का विवरण जैसे टूर का प्रकार, टूर का नाम, यात्रा की तारीखें, पर्यटकों की संख्या और प्रत्येक गंतव्य की यात्रा की तारीख दर्ज करें।
    • विवरण पुनः देखें: टूर के नाम, तारीखों और गंतव्य के बारे में विवरण पुनः देखें।
    • तीर्थयात्री जोड़ें: "तीर्थयात्री जोड़ें" बटन पर क्लिक करें और तीर्थयात्री की जानकारी दर्ज करें।
    • पंजीकरण पूरा करें: पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के बाद, एक अद्वितीय पंजीकरण संख्या के साथ एक एसएमएस प्राप्त होगा और आप चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण पत्र डाउनलोड कर सकेंगे।

    चार धाम यात्रा का सही क्रम

    चारधाम यात्रा हिन्दू धर्म की प्रमुख तीर्थ यात्रा है जो यमनोत्री से शुरू होती है, जहाँ यमुना देवी का मंदिर है। फिर यह गंगोत्री, जहाँ गंगा नदी का उद्गम गोमुख है, यहीं गंगा देवी का मंदिर है, यहाँ पूजा अर्चना के बाद यह यात्रा केदारनाथ के पवित्र मंदिर तक जाती है, जहाँ भगवान शिव की पूजा की जाती है। केदार नाथ हिमालय क्षेत्र भगवान शिव की तपोभूमि है यहाँ की हवा एक अलौकिक शांति प्रदान करती है ऐसी मान्यता है केदार नाथ हिमालय क्षेत्र की हवा स्वर्ग से आती है यह यात्रा केदारनाथ से होते हुए अंत में, बद्रीनाथ के मंदिर पर समाप्त होती है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यात्रा को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दक्षिणावर्त दिशा में पूरा किया जाता है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ एक गहरा और पवित्र अनुभव प्रदान करती है। 

    चार धाम यात्रा में कितना खर्चा आता है?

    चार धाम यात्रा में कितना खर्चा आता है? यह सवाल इस पर निर्भर करता है। कि आप यात्रा कैसे करते हैं जैसे:- 

    यात्रा का समय:

    यात्रा का मौसम बहुत महत्वपूर्ण है। यात्रा का मौसम पीक सीजन में, जैसे कि मई से जून और सितंबर से अक्टूबर, तक कीमतें बहुत अधिक होती हैं।

    यात्रा का तरीका:

    यात्रा का तरीका भी लागत पर प्रभाव डालता है। हेलीकॉप्टर से यात्रा करना सबसे महंगा विकल्प होता है, जबकि पैदल यात्रा सबसे सस्ता होता है।

    आवास का प्रकार:

    आपके पसंद के आवास का प्रकार भी आपकी लागत को प्रभावित करेगा। धर्मशालाएं सस्ते होते हैं, जबकि होटल अधिक महंगे होते हैं।

    भोजन:

    भोजन भी आपकी यात्रा की कुल लागत का अहम हिस्सा है। ढाबों में भोजन सस्ता होता है, जबकि रेस्तरां में खाना अधिक महंगा होता है।
    इस तरह से, आपकी यात्रा की कुल लागत ₹10,000 से लेकर ₹1,00,000 प्रति व्यक्ति तक हो सकती है, जो कि आपके चयन के आधार पर विभिन्न हो सकती है। उपर्युक्त विवरण आपको यात्रा की लागत को समझने में मदद करेगा।

    यहां एक अनुमानित लागत चार्ट दिया गया है जिससे समझ सकते हैं

    • हेलीकॉप्टर यात्रा: ₹50,000 से ₹1,00,000 प्रति व्यक्ति
    • पैदल यात्रा: ₹10,000 से ₹20,000 प्रति व्यक्ति
    • वाहन यात्रा: ₹20,000 से ₹40,000 प्रति व्यक्ति
    • धर्मशाला: ₹500 से ₹1,000 प्रति रात
    • लॉज: ₹1,000 से ₹2,000 प्रति रात
    • होटल: ₹2,000 से ₹10,000 प्रति रात
    • भोजन: ₹500 से ₹1,000 प्रति दिन

    चार धाम यात्रा पर पैसे बचाने के सुझाव

    1. पीक सीजन से बचें: महसूस करें और बजट में रहें तो यात्रा की बेहतर तारीखों को चुनें।
    2. सस्ते विकल्प का चयन करें: पैदल या वाहन से यात्रा, धर्मशाला में रुकना, और स्वयं खाना बनाना विकल्प हैं जिनसे पैसे बचाए जा सकते हैं।
    3. टूर पैकेज चुनें: यदि संभव हो तो टूर पैकेज का चयन करें, जो सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान करता है और बजट में होता है।
    4. पैदल यात्रा या वाहन से यात्रा करें।

    उत्तराखंड चार धाम यात्रा पैकेज

    उत्तराखंड राज्य सरकार चार धाम यात्रा के लिए विभिन्न प्रकार के पैकेज उपलब्ध कराती है। इन पैकेजों में आवास, भोजन, परिवहन और दर्शन शामिल हैं। पैकेज बजट और आवश्यकताओं के अनुसार भिन्न होते हैं। यहां उत्तराखंड सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले कुछ लोकप्रिय चार धाम यात्रा पैकेज दिए गए हैं:
    • हेलीकॉप्टर यात्रा पैकेज:ये पैकेज उन तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर द्वारा चार धामों तक ले जाते हैं। जो हेलीकॉप्टर द्वारा इस यात्रा को करना चाहते हैं यह सबसे तेज विकल्प है, लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह सबसे महंगा पैकेज है।
    • वाहन यात्रा पैकेज:ये पैकेज तीर्थयात्रियों को वाहन (कार, जीप या बस) द्वारा चार धामों तक ले जाते हैं। यह पैदल यात्रा से अधिक आरामदायक विकल्प है, लेकिन यह हेलीकॉप्टर यात्रा से सस्ता भी है। 

    महत्वपूर्ण लिंक

    विवरण वेबसाइट लिंक
    चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन वेबसाइट Click Here
    Char Dham Yatra Official Website Click Here
    आईआरसीटीसी हेलीकॉप्टर बुकिंग चार धामClick Here
    राम मंदिर आरती पास बुकिंग ऑनलाइन
    फ्री तीर्थ यात्रा रजिस्ट्रेशन यहाँ से करें

    FAQs.

    प्रश्न. चार धाम में पहला धाम कौन सा है?

    उत्तर. चार धामों में पहला धाम यमुनोत्री धाम को माना जाता है। यमुनोत्री, यमुना नदी का उद्गम स्थल है यह चारों धामों में सबसे पश्चिमी पर है। हालांकि यात्रा का क्रम व्यक्तिगत श्रद्धा और सुविधा पर निर्भर करता है। कुछ तीर्थयात्री गंगोत्री से अपनी यात्रा शुरू करना पसंद करते हैं, जो गंगा नदी का उद्गम स्थल है और यमुनोत्री से थोड़ा पूर्व में स्थित है। आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी धाम से अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं। ंंआप चाहें तो एक या दो धाम की भी यात्रा कर सकते हैं।

    प्रश्न. हिन्दू के चार धाम के नाम?

    उत्तर. हिन्दू धर्म के चार धामों के नाम इस प्रकार हैं यमुनोत्री: यमुना नदी का उद्गम स्थल। गंगोत्री: गंगा नदी का उद्गम स्थल। केदारनाथ: भगवान शिव को समर्पित एक गुफा मंदिर। बद्रीनाथ: भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर।

    प्रश्न. केदारनाथ मंदिर किसने बनवाया?

    उत्तर. केदारनाथ मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसका संबंध वेदिक काल से है। मान्यता के अनुसार, केदारनाथ मंदिर को महाभारत काल में पांडवों ने बनवाया था। महाभारत के युद्ध के बाद, जब पांडवों ने अपने गुनाहों का प्रायश्चित करने के लिए भगवान शिव की अराधना की थी, तो उन्होंने केदारनाथ में एक शिवलिंग स्थापित किया था। इसे बाद में आदि शंकराचार्य ने पुनः संस्थापित किया था। उसके बाद से ही केदारनाथ को एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में माना जाता है। एक किंवदती के अनुसार बदरीवन में नर-नारायण के रूप में विष्णु जी ने एक पार्थिव शिवलिंग पूजा की थी। भगवान शिव ने उनकी भक्ति को प्रसन्न करते हुए केदार क्षेत्र में हमेशा वास करने का वरदान दिया। इसके बाद, शिवलिंग में उनकी ज्योति स्थापित हो गई, जिससे यहां पर केदारनाथ मंदिर की स्थापना हुई। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, और यह हिमालय के ऊँचे शिखरों पर स्थित है।

    निष्कर्ष

    यदि आप इस पवित्र यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया का लाभ उठाना न भूलें। यह प्रक्रिया न केवल आपको यात्रा की आसान योजना बनाने में मदद करेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि आपकी यात्रा सुव्यवस्थित और सुखद हो। इस पोस्ट में आपको Uttarakhand Char Dham Yatra Online Registration की कुछ जानकारी देने की कोशिश की गयी है यह हमारा छोटा सा प्रयास है।

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